कबीर ग्रंथावली- डॉ. श्यामसुंदरदास-सोई उपाय करि यहु दुःख जाई (रमैणी )
।।निरंतर।। सोई उपाय करि यहु दुःख जाई, सोई उपाय करि यहु दुःख जाई, ए सब परहरि बिसैं सगाई ।। माया मोह जरैं जग आगी, ता संगि जरसि कवन रस लागी ।। त्राहि-त्राहि करि हरी पुकारा, साधु संगति मिलिब करहुं बिचारा ।। रे रे जीवन नहीं विश्रामाँ, सब दुःख खंडन रॉम को नाँमाँ ।। राम नाम … Read more