Pratyaksha Praman-प्रत्यक्ष  प्रमाण-Part-04

प्रत्यक्ष ज्ञान प्रत्यक्ष ज्ञान के भेदों का निरूपण करते हुए आचार्य कहते है कि प्रत्यक्ष दो प्रकार का होता है (1) निर्विकल्पक प्रत्यक्ष, (2) सविकल्पक प्रत्यक्ष । निर्विकल्पक प्रत्यक्ष का स्वरूप है निष्प्रकारकं ज्ञानं निर्विकल्पकम्’ अर्थात् निष्प्रकारक ज्ञान को निर्विकल्पक प्रत्यक्ष कहते है। न्याय-वैशेषिक मत में प्रकार का अर्थ विशेषण होता है, अतः प्रकारता का … Read more