धूमिल (DHUMIL)

(From IGNOU) प्रस्तावना धूमिल नयी कविता के बाद की हिंदी कविता के उस दौर के कवि हैं जब हिंदी कविता बिब, प्रतीकों के जाल में उलझकर अत्यधिक कलात्मक, मूर्त और व्यक्तिवादी होती जा रही थी और जीवन के ठोस, जीवंत यथार्थ से उसका सम्पर्क टूटता जा रहा था। दूसरी ओर देश आजादी के बाद एक … Read more