Pratyaksha Praman-प्रत्यक्ष प्रमाण-Part-02

अनुभव प्रमाण  अनुभव दो प्रकार का होता है – (1) यथार्थ अनुभव, (2) अयथार्थ अनुभव यथार्थ अनुभव का लक्षण करते हुए आचार्य कहते हैं ‘तद्वति तत्प्रकारको ऽनुभव यथार्थः जिसमें जो है, वहाँ उसी प्रकार का जो अनुभव होता है, उसे यथार्थानुभव कहते है। आशय यह है कि कोई भी पदार्थ जिस स्वरूप या स्वभाव का … Read more