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Kuch Ansh ..
आचार्यजो की इन्ही अद्वितीय प्रवृत्तियों को स्थायी रूप देने के लिए इस ग्रन्थावली की योजना बनायी गयी है। विपय और विधा दोनों दृष्टि- कोणों को साथ रयकर विभिन्न खण्डो का विभाजन किया गया है। कुल मिलाकर के ग्यारह khand हैं-
- पहला खण्ड : उपन्यास-1
- दूसरा खण्ड : उपन्यास-2
3 तीसरा खण्ड : हिन्दी साहित्य का इतिहास - चौथा खण्ड : प्रमुख सन्त कवि
- पाँचवाँ खण्ड : मध्यकालीन साधना
- छठवाँ खण्ड मध्यकालीन साहित्य
- सातवां खण्ड : लालित्य तत्त्व एवं साहित्य ममं
8 आठर्यां खण्ड : कालिदास और रवीन्द्र - नाँ खण्ड : निवन्ध-1
- दसवाँ खण्ड : निवन्ध-2
- ग्यारहवां खण्ड: विविध साहित्य । ग्रन्थावली को क्रमवद्ध करने में अनेकों म
विभाजन भी
3 तीसरा खण्ड : हिन्दी साहित्य का इतिहास me –
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