YOU MUST LEARN – THE FUNDAMENTALS OF UGC NET-JRF FELLOWSHIP
AN INTRODUCTION TO FUNDAMENTALS OF UGC NET/ JRF FELLOWSHIP AN INTRODUCTION TO FUNDAMENTALS OF UGC NET/ JRF FELLOWSHIP
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UGC NET SYLLABUS DOWNLOAD SUBJECT WISE Updated Syllabi of UGC-NET (Applicable from June 2019 UGC-NET Onwards) Essentials About The UGC-NET Exam- यूजीसी-नेट परीक्षा के विषय में The subjects with their respective codes are given below : UGC NET SYLLABUS (Applicable from June 2019 UGC-NET Onwards) हिंदी-यूजीसी नेट जेआरएफ फेलोशिप प्रति माह कुल रुपये, आयु सीमा … Read more
51. “परबत समुद, अगम बिच, बीहड़ घन बनढाँख । किमि कै भेंटों कंत तुम्ह?, ना मोहि पाँव न पाँख।” यह कवितांश जायसी कृत ‘पद्मावत’ के ‘नागमती वियोग खंड’ में किस मास के वर्णन के अंत में आया है? (1) सावन (2) अगहन (3) भादों (4) असाढ़ UGCNET-EXAM-SECOND-PAPER-HINDI- परीक्षा तिथि -18/06/2024 उत्तर – (1) सावन सावन … Read more
गजाधर बाबू ने कमरे में जमा सामान पर एक नजर दौड़ाई – दो बक्स, डोलची, बालटी – ‘यह डिब्बा कैसा है, गनेशी?’ उन्होंने पूछा। गनेशी बिस्तर बाँधता हुआ, कुछ गर्व, कुछ दुख, कुछ लज्जा से बोला, ‘घरवाली ने साथ को कुछ बेसन के लड्डू रख दिए हैं। कहा, बाबूजी को पसंद थे। अब कहाँ हम … Read more
रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद ईद आयी है। कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभाव है। वृक्षों पर अजीब हरियाली है, खेतों में कुछ अजीब रौनक है, आसमान पर कुछ अजीब लालिमा है। आज का सूर्य देखो, कितना प्यारा, कितना शीतल है, यानी संसार को ईद की बधाई दे रहा है। गाँव में कितनी हलचल … Read more
– तेरा नाम क्या है? – राही। – तुझे किस अपराध में सज़ा हुई? – चोरी की थी, सरकार। – चोरी? क्या चुराया था – नाज की गठरी। – कितना अनाज था? – होगा पाँच-छः सेर। – और सज़ा कितने दिन की है? – साल भर की। – तो तूने चोरी क्यों की? मजदूरी करती … Read more
काशी जी के दशाश्वमेध घाट पर स्नान करके एक मनुष्य बड़ी व्यग्रता के साथ गोदौलिया की तरफ आ रहा था। एक हाथ में एक मैली-सी तौलिया में लपेटी हुई भीगी धोती और दूसरे में सुरती की गोलियों की कई डिबियाँ और सुँघनी की एक पुड़िया थी। उस समय दिन के ग्यारह बजे थे, गोदौलिया की … Read more
भगवान चंद्रदेव! आपके कमलवत् कोमल चरणों में इस दासी का अनेक बार प्रणाम। आज मैं आपसे दो चार बातें करने की इच्छा रखती हूँ। क्या मेरे प्रश्नों का उत्तर आप प्रदान करेंगे? कीजिए, बड़ी कृपा होगी। देखो, सुनी-अनसुनी-सी मत कर जाना। अपने बड़प्पन की ओर ध्यान देना। अच्छा, कहती हूँ, सुनो! मैं सुनती हूँ आप … Read more
किसी श्रीमान् जमींदार के महल के पास एक गरीब अनाथ विधवा की झोंपड़ी थी। जमींदार साहब को अपने महल का हाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई, विधवा से बहुतेरा कहा कि अपनी झोंपड़ी हटा ले, पर वह तो कई जमाने से वहीं बसी थी। उसका प्रिय पति और इकलौता पुत्र भी उसी झोंपड़ी … Read more