Pratyaksha Praman-प्रत्यक्ष प्रमाण-Part-02

अनुभव प्रमाण  अनुभव दो प्रकार का होता है – (1) यथार्थ अनुभव, (2) अयथार्थ अनुभव यथार्थ अनुभव का लक्षण करते हुए आचार्य कहते हैं ‘तद्वति तत्प्रकारको ऽनुभव यथार्थः जिसमें जो है, वहाँ उसी प्रकार का जो अनुभव होता है, उसे यथार्थानुभव कहते है। आशय यह है कि कोई भी पदार्थ जिस स्वरूप या स्वभाव का … Read more

Pratyaksha Praman-प्रत्यक्ष प्रमाण-Part-01

(Source : IGNOU) तर्कसंग्रह (अन्नम्भट्ट) आचार्य अन्नम्भट्टकृत् तर्कसंग्रह’ यद्यपि वैशेषिक दर्शन का प्रकरण ग्रन्थ है तथापि इसमें न्यायदर्शनसम्मत चतुर्विध प्रमाणव्यवस्था का विवेचन किया गया है। इन्द्रिय तथा अर्थ (विषय) के सन्निकर्ष से उत्पन्न ज्ञान को प्रत्यक्ष प्रमाण कहते है। अनुमान प्रमाण लिगपरामर्श से जन्य होता है। सज्ञासझिसम्बन्ध का ज्ञान कराने वाला प्रमाण उपमान कहलाता है। … Read more

Q&A-Indian-Logic

Q1.अनुमान के बारे में न्याय मत के अनुसार निम्नलिखित में से कौन। से अनुमान कार्य-कारण भाव पर आधारित हैं? 1. काले बादलों से भावी वर्षा का अनुमान करना। 2. नदी में द्रुतगामी कीचड़ भरे जल से विगत की वर्षा का अनुमान करना। 3. किसी पशु के सींगों से विदीर्ण खुरों का अनुमान करना। 4. जब … Read more

Indian Logic

1.Indian Logic: Means of knowledge. Indian philosophy has a rich tradition of logical reasoning, and the Indian philosophical systems, particularly those of the Nyaya and Vaisheshika schools, provide comprehensive discussions on the means of knowledge. These systems have their roots in ancient texts such as the Nyaya Sutras and Vaisheshika Sutras, which outline the principles … Read more

Analogies 

Analogies (उपमाएँ) सादृश्य एक अलंकार है जो दो अवधारणाओं या विचारों के बीच समानता के आधार पर संबंध स्थापित करता है। इसमें साझा विशेषताओं को उजागर करने और एक समानांतर रेखा खींचने के लिए एक चीज़ की दूसरे से तुलना करना शामिल है। सादृश्यों का उपयोग आमतौर पर संचार, साहित्य और रोजमर्रा की भाषा में … Read more

Argument forms

तर्क रूप (Argument forms) तर्क प्रपत्र विशिष्ट संरचनाएं या पैटर्न हैं जो तर्कों में परिसर और निष्कर्ष के बीच तार्किक संबंधों का प्रतिनिधित्व करते हैं। ये फॉर्म यह समझने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करते हैं कि किसी विशेष दावे का समर्थन या औचित्य साबित करने के लिए विभिन्न प्रकार के तर्कों का उपयोग कैसे … Read more

Connotations and Denotations of terms

शब्दों के भावार्थ और लक्षण (Connotations and Denotations of terms) पदों के भावार्थ और अर्थ :  प्रभावी संचार के लिए संकेत और भावार्थ के बीच परस्पर क्रिया को समझना महत्वपूर्ण है।  जबकि संकेत स्पष्टता और सटीकता प्रदान करते हैं, अर्थ भाषा में गहराई, भावना और सांस्कृतिक संदर्भ जोड़ते हैं।  दोनों पहलू मानव संचार की समृद्धि … Read more

Deductive and Inductive Reasoning

निगमनात्मक और आगमनात्मक तर्क का मूल्यांकन और अंतर करना (Evaluating and Distinguishing deductive and inductive reasoning) विपक्ष का शास्त्रीय वर्ग विभिन्न प्रकार के स्पष्ट प्रस्तावों के बीच तार्किक संबंधों को समझने के लिए एक संरचित ढांचा प्रदान करता है। यह पारंपरिक श्रेणीबद्ध तर्क के अध्ययन में एक मूलभूत अवधारणा बनी हुई है। निगमनात्मक तर्क और … Read more

Formal and Informal fallacies-औपचारिक और अनौपचारिक भ्रांतियाँ

भ्रांति तर्क में त्रुटियां हैं जो तर्कों में हो सकती हैं, जिससे तर्क की वैधता और सुदृढ़ता कम हो जाती है। भ्रांतियों को दो मुख्य प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है: औपचारिक भ्रांतियां और अनौपचारिक भ्रांतियां। 1. औपचारिक भ्रांतियाँ:     – परिभाषा: औपचारिक भ्रांतियां किसी तर्क की संरचना या रूप में त्रुटियां हैं जो इसे तार्किक … Read more

Mood and Figures-मूड और आंकड़े :

पारंपरिक श्रेणीबद्ध तर्क में, मनोदशा और आकृति ऐसे शब्द हैं जिनका उपयोग सिलोगिज़्म की संरचना का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जो तीन श्रेणीबद्ध प्रस्तावों से जुड़े तार्किक तर्क हैं। विभिन्न प्रकार के सिलोगिज़्म का विश्लेषण और वर्गीकरण करने के लिए मनोदशा और आकृति को समझना आवश्यक है। 1. मूड:     – मूड से … Read more