56. सूची-1 के साथ सूची-II का मिलान कीजिए :
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही जर का चयन कीजिए :
(1) А-І, В-III, C-IV, D-II
(3) A-IV, B-II, C-I, D-III
(2) A-II, B-IV, C-I, D-III
(4) A-III, В-1, C-IV, D-II
UGCNET-EXAM-SECOND-PAPER-HINDI- परीक्षा तिथि -18/06/2024
उत्तर – (4) A-III, В-1, C-IV, D-II
57. सूची-I के साथ सूची-II का मिलान कीजिए :
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए :
(1) A-III, B-II, C-IV, D-I
(3) A-III, B-IV, C-II, D-I
(2) A-IV, B-III C-1, D-II
(4) A-1, B-III, C-1, D-IV
UGCNET-EXAM-SECOND-PAPER-HINDI- परीक्षा तिथि -18/06/2024
उत्तर – (1) A-III, B-II, C-IV, D-I
58. महात्मा जोतीराव फूले ने लड़कियों की शिक्षा के लिए पहला स्कूल कब खौला ?
(1) 1827
(2) 1848
(3) 1873
(4) 1890
UGCNET-EXAM-SECOND-PAPER-HINDI- परीक्षा तिथि -18/06/2024
उत्तर – (2) 1848
ज्योतिबा फुले का मानना था कि समाज और देश तभी आगे बढ़ सकता है जब महिलाएं भी शिक्षित हों. जब देश में बच्चियों और महिलाओं की शिक्षा के लिए किसी विद्यालय की व्यवस्था नहीं थी, तब 1848 में उन्होंने महाराष्ट्र के पुणे में पहला बालिका विद्यालय खोल दिया.
59. महावीर प्रसाद द्विवेदी की निम्नलिखित रचनाओं को प्रथम प्रकाशन वर्ष के अनुसार पहले से बाद के क्रम में लगाइए।
A. कविता कलाप
B. कुमार संभवसार
C. लेखांजलि
E. कालिदास की निरंकुशता
D. रसज्ञ रंजन
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए :
(1) C, D, B, A, E
(2) B, A, E, D, C
(3) E, B, C, A, D
(4), A, B, C, D, E
UGCNET-EXAM-SECOND-PAPER-HINDI- परीक्षा तिथि -18/06/2024
उत्तर – (2) B, A, E, D, C
A. कविता कलाप (1909 ई.)
B. कुमारसम्भवसार (1902 ई.)- कालिदास के ‘कुमारसम्भवम्’ के प्रथम पाँच सर्गों का सारांश
C. लेखांजलि (1928 ई. )
E. कालिदास की निरकुंशता (1912ई.)
D. रसज्ञ रंजन (1920ई.)
प्रकाशक,साहित्य अकादमी, भोपाल,मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद् pdf → महावीर प्रसाद द्विवेदी
60. प्रयोगवाद के संबंध में इनमें से कौन-से कथन नामवर सिंह के हैं ?
A. प्रयोगशीलता ‘व्यक्तिगत अन्वेषण’ की वस्तु है।
B. प्रयोगवादी कवि यथार्थवादी हैं। वे भावुकता के स्थान पर ठोस बौद्धिकता को स्वीकार करते हैं।
C. कुल मिलाकर यह चरम व्यक्तिवाद ही प्रयोगवाद का केंद्र बिंदु है।
D. आरंभिक व्यक्तिवादी प्रयोगवाद ने ‘प्रतिरोध और युयुत्सुभाव का नारा दिया’।
E. ‘प्रयोगवाद’ नाम भ्रामक है, क्योंकि इस नाम से यह भाव टपकता है कि इन कवियों ने प्रयोग को साध्य मान कर नया वाद चला दिया।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए :
(1) केवल E, C, A
(2), केवल A, C, D
(3) केवल C, B
(4) केवल B, C, A
UGCNET-EXAM-SECOND-PAPER-HINDI- परीक्षा तिथि -18/06/2024
उत्तर – (2), केवल A, C, D
A. प्रयोगशीलता ‘व्यक्तिगत अन्वेषण’ की वस्तु है।
B. प्रयोगवादी कवि यथार्थवादी हैं। वे भावुकता के स्थान पर ठोस बौद्धिकता को स्वीकार करते हैं।
C. कुल मिलाकर यह चरम व्यक्तिवाद ही प्रयोगवाद का केंद्र बिंदु है। ✅
D. आरंभिक व्यक्तिवादी प्रयोगवाद ने ‘प्रतिरोध और युयुत्सुभाव का नारा दिया’। ✅
E. ‘प्रयोगवाद’ नाम भ्रामक है, क्योंकि इस नाम से यह भाव टपकता है कि इन कवियों ने प्रयोग को साध्य मान कर नया वाद चला दिया। ❌
‘प्रयोगवाद’ नाम भ्रामक है क्योंकि इस नाम से यह भाव टपकता है कि इन कवियों ने प्रयोग को साध्य मानकर एक नया वाद चला दिया । अज्ञेय जी ने ‘दूसरा सप्तक’ की भूमिका में कवि-कर्म की व्याख्या करते हुए ‘प्रयोग’ शब्द को स्पष्ट किया था ।