131. “दुःख दग्ध जगत् और आनंद पूर्ण स्वर्ग, दोनों के एकीकरण का यत्न ही साहित्य है।” यह कथन किस कृति का है ?
(A) एक साहित्यिक की डायरी
(B) अकेला मेला
(C) अरे यायावर रहेगा याद !
(D) पथ के साथी
MPPSC सहायक प्राध्यापक परीक्षा-2022 द्वितीय प्रश्न पत्र हिंदी परीक्षा तिथि-09/06/2024-SET-B
उत्तर – (B) अकेला मेला
132. बालकृष्णशर्मा ‘नवीन’ का पहला कविता संग्रह कौन-सा है ?
(A) उर्मिला
(B) अपलक
(C) कुमकुम
(D) रश्मिरेखा
MPPSC सहायक प्राध्यापक परीक्षा-2022 द्वितीय प्रश्न पत्र हिंदी परीक्षा तिथि-09/06/2024-SET-B
उत्तर -(C) कुमकुम
सन 1930 ई. तक वे यद्यपि कवि रूप में यशस्वी हो चुके थे, परन्तु पहला कविता संग्रह ‘कुंकुम’ 1936 ई. में प्रकाशित हुआ।
बालकृष्ण शर्मा नवीन का रचनाएँ (कालक्रमानुसार)
(जन्म : 8 दिसंबर 1897-29 अप्रैल 1960 ई., ग्वालियर राज्य के भवाना ग्राम में)
राष्ट्रीय-सांस्कृतिक काव्यधारा के प्रतिनिधि कवि, प्रेम और मस्तीपरक काव्य के अग्रदूत, हालावाद के आदि प्रवर्तक ।
इनकी प्रथम कहानी ‘संतू’ (1918 ई.) सरस्वती में प्रकाशित हुई।
सात काव्य-संग्रह :
कुंकुम (1936 ई.), अपलक (1951 ई.), रश्मिरेखा (1952 ई.), क्वासी (1952 ई.), विनोबा स्तवन (1955 ई.), उर्मिला (1957 ई., खंडकाव्य, यह छः सर्गों में विभक्त, उर्मिला के जन्म से लेकर लक्ष्मण से पुनर्मिलन तक की कथा वर्णित, लक्ष्मण-पत्नी उर्मिला का उज्ज्वल चरित्र-चित्रण), प्रार्णव (गणेशशंकर विद्यार्थी के बलिदान पर लिखित अप्रकाशित खंडकाव्य), हम विषपायी जनम के (1964 ई.)।
सं. : प्रताप (1931 ई.), प्रभा (1921-1923 ई.)
133 ‘अतिथि ! तुम कब जाओगे’ किसकी प्रसिद्ध व्यंग्य कृति है ?
(A) हरिशंकर परसाई
(B) ज्ञान चतुर्वेदी
(C) श्रीलाल शुक्ल
(D) शरद जोशी
MPPSC सहायक प्राध्यापक परीक्षा-2022 द्वितीय प्रश्न पत्र हिंदी परीक्षा तिथि-09/06/2024-SET-B
उत्तर – (D) शरद जोशी
शरद जोशी का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में 21 मई 1931 को हुआ।
शरद जोशी की प्रमुख व्यंग्य-कृतियाँ हैं हैं: परिक्रमा, किसी बहाने, जीप पर सवार इल्लियाँ, तिलस्म, रहा किनारे बैठ, दूसरी सतह, प्रतिदिन। दो व्यंग्य नाटक हैं : अंधों का हाथी और एक था गधा। एक उपन्यास है मैं, मैं, केवल मैं, उर्फ़ कमलमुख बी.ए.।
शरद जोशी की भाषा अत्यंत सरल और सहज है। मुहावरों और हास-परिहास का हलका स्पर्श देकर इन्होंने अपनी रचनाओं को अधिक रोचक बनाया है। धर्म, अध्यात्म, राजनीति, सामाजिक जीवन, व्यक्तिगत आचरण, कुछ भी शरद जोशी की पैनी नज़र से बच नहीं सका है। इन्होंने अपनी व्यंग्य-रचनाओं में समाज में पाई जाने वाली सभी विसंगतियों का बेबाक चित्रण किया है। पाठक इस चित्रण को पढ़कर चकित भी होता है और बहुत कुछ सोचने को विवश भी।
प्रस्तुत पाठ ‘तुम कब जाओगे, अतिथि’ में शरद जोशी ने ऐसे व्यक्तियों की खबर ली है, जो अपने किसी परिचित या रिश्तेदार के घर बिना कोई पूर्व सूचना दिए चले आते हैं और फिर जाने का नाम ही नहीं लेते, भले ही उनका टिके रहना मेज़बान पर कितना ही भारी क्यों न पड़े।
अच्छा अतिथि कौन होता है? वह, जो पहले से अपने आने की सूचना देकर आए और एक-दो दिन मेहमानी कराके विदा हो जाए या वह, जिसके आगमन के बाद मेज़बान वह सब सोचने को विवश हो जाए, जो इस पाठ के मेज़बान निरंतर सोचते रहे।
134. ‘मिला तेज़ से तेज़’ किसकी जीवनी है ?
(A) रमेशचंद्र शाह
(B) माखनलाल चतुर्वेदी
(C) सुभद्रा कुमारी चौहान
(D) भवानी प्रसाद मिश्र
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उत्तर – (C) सुभद्रा कुमारी चौहान
सुभद्रा कुमारी चौहान की जीवनी, इनकी पुत्री, सुधा चौहान ने ‘मिला तेज से तेज’ नामक पुस्तक में लिखी है। इसे हंस प्रकाशन, इलाहाबाद ने प्रकाशित किया है।
135. कौन-सा युग्म असत्य है ?
(A) प्रेमचंद सृजन पीठ उज्जैन
(B) मुक्तिबोध सृजन पीठ ग्वालियर।
(C) निराला सृजन पीठ भोपाल
(D) मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी भोपाल
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उत्तर – (B) मुक्तिबोध सृजन पीठ ग्वालियर।
सृजनपीठ युवा रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रेमचंद सृजनपीठ-उज्जैन, मुक्तिबोध सृजनपीठ-सागर एवं निराला सृजनपीठ-भोपाल में स्थापित हैं। बाल साहित्य सृजनपीठ, इंदौर की स्थापना अक्टबूर, 2008 में की गई।
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- संवैधानिक सुधार एवं आर्थिक समस्याएं
- रहीम (1556-1626)
- Sant-Raidas-रैदास (1388-1518)
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