UGCNET-EXAM-SECOND-PAPER-HINDI- परीक्षा तिथि -18/06/2024 Q.86-90


86. सूची-I के साथ सूची-II का मिलान कीजिए 

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए : 

(1) А-І, В-III, C-IV, D-II 

(3) A-III, B-IV, C-II, D-I 

(2) А-II, В-1, C-IV, D-III 

(4) A-IV, B-II, C-I, D-III 

UGCNET-EXAM-SECOND-PAPER-HINDI- परीक्षा तिथि -18/06/2024

उत्तर – (3) A-III, B-IV, C-II, D-I 

87. ‘क्या भूलूं क्या याद करूं’ में आए चरित्र हैं : 

A. योगेंद्रनाथ 

B. प्रतापनाराह्मण 

C. उमाप्रसाद 

D. सुरसती 

E. राधा 

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए : 

(1) केवल A, B, D 

(2), केवल B, D, E 

(3) केवल B, C, E 

(4) केवल C, D, E 

UGCNET-EXAM-SECOND-PAPER-HINDI- परीक्षा तिथि -18/06/2024

उत्तर –  (1) केवल A, B, D  (Probably)

A. योगेंद्रनाथ 

B. प्रतापनाराह्मण ✅

C. उमाप्रसाद 

D. सुरसती ✅

E. राधा 

क्या भूलूं क्या याद करूँ : क्या भूलूं क्या याद करूँ 1969 में प्रकाशित हरिवंश राय बच्च्न की बहुप्रशंसित आत्मकथा तथा हिंदी साहित्य की एक कालजयी कृति है। इसके लिए बच्चनजी को 1991 में भारतीय साहित्य के सर्वोच्च पुरस्कार तीन लाख के ‘सरस्वती सम्मान’ से सम्मनित भी किया जा चुका है।

प्रमुख पात्र – जग्गु चाचा, हीरालाल, प्रतापनारायण, सरस्वती, श्यामा, भोलानाथ, कर्कल, चम्पा, शालिग्राम, रामकिशोर।जी हाँ, ‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’ में योगेन्द्रनाथ शर्मा का उल्लेख है। हरिवंश राय बच्चन जी की आत्मकथा में योगेन्द्रनाथ शर्मा उनके मित्र और सहयोगी के रूप में प्रस्तुत किए गए हैं। योगेन्द्रनाथ शर्मा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में बच्चन जी के सहपाठी थे और उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। वे बच्चन जी के साहित्यिक और व्यक्तिगत जीवन में एक महत्वपूर्ण सहारा बने रहे।

योगेन्द्रनाथ शर्मा का वर्णन बच्चन जी की आत्मकथा में उनकी मित्रता, साहित्यिक चर्चाओं और जीवन के विभिन्न पहलुओं पर किए गए संवादों के संदर्भ में आता है। वे उन कई मित्रों में से एक थे जिन्होंने बच्चन जी के जीवन के संघर्षों और उपलब्धियों में सहभागिता निभाई।

‘क्या भूलूँ क्या याद करूं के बारे में धर्मवीर भारती लिखते हैं – “यह हिंदी के हज़ार वर्षों के इतिहास में ऐसी पहली घटना है जिसमें अपने बारे में सब कुछ इतनी बेबाकी, साहस और सद्भावना से कह दिया गया है।”

बच्चन जी की अन्य आत्मकथा हैं:-

1. नीड़ का निर्माण फ़िर – 1970 ई.

2. बसेरे से दूर – 1978 ई.

3. दश द्वार से सोपान तक – 1985 ई.

सन् 1641 ई. में बनारसीदास जैन ने ब्रजभाषा पद्य में ‘अर्धकथा’ की रचना की, अर्धकथा को हिंदी की प्रथम आत्मकथा माना जाता है।

88. इनमें से किस जैन आचार्य को ‘कलिकालसर्वज्ञ’ नाम से भी जाना जाता है? 

(1) प्रभाचंद्र 

(2) हेमचंद्र 

(3) विद्यानंद 

(4) हरिभद्र 

UGCNET-EXAM-SECOND-PAPER-HINDI- परीक्षा तिथि -18/06/2024

उत्तर –  (2) हेमचंद्र 

जैन आचार्य हेमचंद्र को ‘कलिकालसर्वज्ञ’ नाम से भी जाना जाता है। हेमचंद्र (1089-1172) एक प्रसिद्ध जैन आचार्य थे जिन्होंने अनेक ग्रंथों की रचना की और उन्हें विभिन्न शास्त्रों का गहन ज्ञान था। उन्हें ‘कलिकालसर्वज्ञ’ का सम्मानपूर्ण उपाधि मिली थी जिसका अर्थ है “कलियुग में सर्वज्ञ”। उनका योगदान जैन धर्म और साहित्य में अद्वितीय है, और वे जैन धर्म के एक प्रमुख विद्वान और आचार्य माने जाते हैं।

89. सूची-1 के साथ सूची-II का मिलान कीजिए:

UGCNET-EXAM-SECOND-PAPER-HINDI- परीक्षा तिथि -18/06/2024

(1) A-IV, B-II, C-III, D-I

(3) A-II, B-IV, C-I, D-III

(2) А-IV, В-III, С-1, D-II

(4) А-III, B-IV, C-1, D-II

उत्तर -(4) А-III, B-IV, C-1, D-II

यहाँ दिए गए चार साहित्यिक कृतियों और उनके संबंधित लेखकों का मिलान किया गया है:

1. लिटरेरिया बायोग्राफिया – III. कोलरिज

2. द हेटोरिक्स – IV. अरस्तू

3. द लिरिकल बैलेड्स – I. वर्ड्सवर्थ

4. प्रैक्टिकल क्रिटिसिज्म – II. आई ए रिचर्ड्स

मिलान इस प्रकार होगा:

1. लिटरेरिया बायोग्राफिया – III. कोलरिज

2. द हेटोरिक्स – IV. अरस्तू

3. द लिरिकल बैलेड्स – I. वर्ड्सवर्थ

4. प्रैक्टिकल क्रिटिसिज्म – II. आई ए रिचर्ड्स

90. निम्नलिखित में से कौन-सा स्थान बाँगरू बोली का क्षेत्र माना जाता है?

(1). हिसार

(2) इटावा

(3) जालौन

(4) अलीगढ़

UGCNET-EXAM-SECOND-PAPER-HINDI- परीक्षा तिथि -18/06/2024

उत्तर – (1). हिसार

बांगरू को जाटू या हरियाणवी भी कहते हैं। यह पंजाब के दक्षिण पूर्व में बोली जाती है। कुछ विद्वानों के अनुसार बांगरू खड़ी बोली का ही एक रूप है जिसमें पंजाबी और राजस्थानी का मिश्रण है।