MPPSC सहा.प्राध्यापक परीक्षा-2022 हिंदी SET-B Q.96-100


96. निम्नलिखित में से वस्तुवादी सिद्धांत कौन-सा है ?

(A) अलंकार सिद्धांत

(B) रीति सिद्धांत

(C) ध्वनि सिद्धांत

(D) औचित्य सिद्धांत

MPPSC सहायक प्राध्यापक परीक्षा-2022 द्वितीय प्रश्न पत्र हिंदी परीक्षा तिथि-09/06/2024-SET-B

उत्तर – ??? Unknown 

97. “शब्दाथों सहितौ वक्रकविव्यापारशालिनि । 

बन्धे व्यवस्थितौ काव्यं तद्विदाह्लादकारिणि ।।” 

उक्त उद्भावना किस आचार्य की है ?

(A) दण्डी

(B) कुंतक

(C) भामह

(D) भोजराज

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उत्तर – (B) कुंतक

शब्दार्थौ सहितौ वक्रकविव्यापारशालिनि । बन्धे व्यवस्थित काव्यं तद्विदाह्लादकारिणि । अर्थात् भंगिमामय कवि कर्म से युक्त काव्यमर्मज्ञों को आह्लादित करने वाले गठन में व्यवस्थित शब्द एवं अर्थ के संयोजन को ‘काव्य’ कहते हैं । आचार्य कुन्तक ने अपनी परिभाषा में निम्न बिन्दुओं पर विचार किया ।

https://ijsrst.com/paper/6805.pdf

98. “कतहुँ विटप भूधर उपारि परसेन बरक्खत । कतहुँ बाजि से बाजि, मर्दि, गजराज करक्खत ।।” उक्त पद में कौन-सा काव्य गुण है ?

(A) प्रसाद

(B) माधुर्य

(C) ओज

(D) समता

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उत्तर – (C) ओज

Tulsidas ki kavitavali se sambhavatah.

99. लोंजाइनस के ग्रंथ का नाम बताइए ।

(A) पेरिहुप्सुस

(B) पोयटिक्स

(C) ईऑन

(D) रिपब्लिक

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उत्तर – ( A) पेरिहुप्सुस

इनका यूनानी भाषा का नाम लोंगिनुस (Longinus) तथा अंग्रेजी भाषा में उच्चरित ‘लोंजाइनस’ है। इनकी रचना का नाम ‘पेरिहुप्सुस’ है, जिसका अंग्रेजी में ‘ऑन द सब्लाइम’ (on the sublime) नाम से अनुवाद किया गया। इसी को हिन्दी में उदात्त की संज्ञा दी गई। इसका ग्रंथ पाश्चात्य साहित्य-शास्त्र का प्रमुख ग्रंथ है।

https://hi.wikipedia.org › wiki › ल…

लोंजाइनस – विकिपीडिया

100. ‘महाकाव्य’ के संबंध में असत्य कथन छाँटिए ।

(A) इसका कथानायक इतिहास प्रसिद्ध व्यक्ति होता है।

(B) महाकाव्य सर्गबद्ध रचना है।

(C) इसका ध्येय धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

(D) उक्ति वैचित्य इसका प्राण तत्व होता है।

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उत्तर – (D) उक्ति वैचित्य इसका प्राण तत्व होता है।

प्राचीन आचार्यों के अनुसार महाकाव्य में जीवन का व्यापक रुप में चित्रण होता है। इसकी कथा इतिहास प्रसिद्ध होती है। इसका नायक उदास और महान चरित्र वाला होता है। इसमें वीर , श्रृंगार और शांत रस में से कोई एक रस प्रधान तथा शेष रस गौण होते हैं। यह प्रायः  लंबे कथानक पर आधारित तथा सर्गबद्ध  होता है। इसमें कम से कम 8 सर्ग होता है। महाकाव्य की कथा में धारावाहिकता तथा हृदय को भाव विभोर करने वाले मार्मिक प्रसंग का समावेश भी होना चाहिए।

आधुनिक युग में महाकाव्य के प्राचीन प्रतिमानों में परिवर्तन हुए हैं। इतिहास के स्थान पर मानव जीवन की कोई भी घटना तथा समस्या इसका विषय हो सकती है ,  और महान पुरुष के स्थान पर समाज का कोई भी व्यक्ति इसका नायक हो सकता है। परंतु उस पात्र में लोक आदर्श की क्षमता का होना अनिवार्य है। हिंदी के कुछ प्रसिद्ध महाकाव्य – ‘ पद्मावत ‘ , ‘ श्रीरामचरित्रमानस ‘ , ‘ साकेत ‘ ,’  प्रियप्रवास ‘ , ‘ कामायनी ‘ , ‘  उर्वशी ‘ , ‘ लोकायतन ‘ आदि।