UGC NET Shift 02 Set Z Paper I (General Paper) Q.36 to 40 on Connotation

CONNOTATION 36. Arrange the following in order of increasing connotation:  A. Domestic Animal  B. Animal  C Horse  D. Beast of burden  निम्नलिखित को बढ़ते गुणार्थ के क्रम में व्यवस्थित कीजिए :  A. घरेलू पशु  B. पशु  C घोड़ा  D. भार ढोने वाला पशु  Choose the correct answer from the options given below:  नीचे दिए गए … Read more

Vyapti-व्याप्ति 

व्याप्ति (अनिवार्य संबंध) क्या है?  व्याप्ति को हम कैसे जानते हैं?  ‘व्याप्ति’ शब्द का शाब्दिक अर्थ है ‘व्यापकता की स्थिति।’ इसका तात्पर्य दो तथ्यों के बीच संबंध से है, जिनमें से एक व्याप्त (व्याप्य) है, और दूसरा व्याप्त (व्यापक) है।  एक तथ्य को दूसरे में व्याप्त तब कहा जाता है जब वह हमेशा दूसरे के … Read more

Q&A-UNIT-06-29-sep-2020-Part-05

यू.जी.सी. NTA नेट / जेआरएफ परीक्षा, जून- 2020 शिक्षण एवं शोध अभियोग्यता प्रथम प्रश्न-पत्र : Shift-II  (व्याख्या सहित हल प्रश्न-पत्र )  (परीक्षा तिथि 29 सितम्बर, 2020 ) Question-26. All flowers are toys. Some toys are trees. Some  butterflies are trees, then  सभी पुष्प खिलौने हैं। कुछ खिलौने वृक्ष हैं। कुछ तितलियां वृक्ष हैं तो : … Read more

Q&A-UNIT-06-25sep2020-Part-03

यू.जी.सी. NTA नेट / जेआरएफ परीक्षा, जून 2020 शिक्षण एवं शोध अभियोग्यता प्रथम प्रश्न-पत्र : Shift-I ( व्याख्या सहित हल प्रश्न-पत्र )  (परीक्षा तिथि 25 सितम्बर, 2020 ) Question-26.  The sequential order of syllogism in Nyaya philosophy is न्याय दर्शनशास्त्र में न्याय वाक्य की क्रमबद्धता है- A. Nigman/निगमन B. Udaharana / उदाहरण C. Hetu/हेतु D. … Read more

Q&A-UNIT-06-24sep2020-Part-02

यू. जी. सी. NTA नेट / जेआरएफ परीक्षा, जून- 2020  शिक्षण एवं शोध अभियोग्यता  प्रथम प्रश्न-पत्र : Shift-II ( व्याख्या सहित हल प्रश्न-पत्र ) (परीक्षा तिथि 24 सितम्बर, 2020 ) Question-26.Given below are two statements, one is labelled as Assertion (A) and the other is labelled as Reason (R) नीचे दो कथन दिए गए हैं: … Read more

Q&A-UNIT-06-24-sep-2020-Part-01

यू.जी.सी. NTA नेट / जेआरएफ परीक्षा, जून- 2020 शिक्षण एवं शोध अभियोग्यता प्रथम प्रश्न-पत्र :  (व्याख्या सहित हल प्रश्न-पत्र ) (परीक्षा तिथि 24 सितम्बर, 2020 Shift – I   ) : Question-26. Given below are propositions: philosophers are fallible Socrates is not fallible  In the classical section of opposition, which one of the following is … Read more

Pratyaksha Praman – प्रत्यक्ष  प्रमाण-Part-05-सारांश

तत्त्वचिन्तन की प्रक्रिया में प्रमाणमीमांसा का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण स्थान है क्योंकि प्रमाणों की सहायता से ही प्रमेयो (तत्त्वों) का ज्ञान सम्भव होता है। दर्शनसरणियो में यह प्रसिद्ध उक्ति भी है – मानाधीना मेयसिद्धि अर्थात् मेय (प्रमेय) की सिद्धि मान (प्रमाण) के अधीन होती है। प्रमा या यथार्थज्ञान की उपलब्धि किसी साधन की सहायता से ही … Read more

Pratyaksha Praman-प्रत्यक्ष  प्रमाण-Part-04

प्रत्यक्ष ज्ञान प्रत्यक्ष ज्ञान के भेदों का निरूपण करते हुए आचार्य कहते है कि प्रत्यक्ष दो प्रकार का होता है (1) निर्विकल्पक प्रत्यक्ष, (2) सविकल्पक प्रत्यक्ष । निर्विकल्पक प्रत्यक्ष का स्वरूप है निष्प्रकारकं ज्ञानं निर्विकल्पकम्’ अर्थात् निष्प्रकारक ज्ञान को निर्विकल्पक प्रत्यक्ष कहते है। न्याय-वैशेषिक मत में प्रकार का अर्थ विशेषण होता है, अतः प्रकारता का … Read more

Pratyaksha Praman-प्रत्यक्ष  प्रमाण-Part-03

कारण  कारणं त्रिविधम्-रामवाय्यमवायिनिमित्तभेदात् । यत्समवेत कार्यमुत्पद्यते तत्समवायिकारणम्। यथा तन्तव पटस्य, पटश्च स्वगतरूपादे। कार्येण कारणेन वा सहैकस्मिन्नर्थे समवेत सत् कारणम् असमवायिकारणम्। यथा तन्तु संयोग पटस्य, तन्तुरूपं पटगतरूपस्य च। तदुभयभिन्न कारणं निगितकारणम्, यथा-तुरीवेमादिक पटस्य । तदेत्त्रिविधकारणमध्ये यदसाधारण कारणम् तदेव करणम्। व्याख्या: आचार्य अन्नम्मभट्ट कारण का लक्षण करते है कारणम्’। जो कार्य का नियत पूर्ववर्ती हो उसे कारण … Read more