MOCK TEST-उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग परीक्षा-2017 राजकीय डिग्री कालेज प्रवक्ता हिन्दी

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MOCK TEST उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग परीक्षा 2016 सहायक प्रोफेसर हिंदी

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WESTERN LOGIC-Q&A-2023-2024 Questions

UGCNET-SHIFT-02-SET-Z-18062024-PAPER-I-(GENERAL PAPER) Q.35. Which fallacy is committed in the following statement?  “Tarun cannot be guilty of murder since there is no way, Tarun could kill someone.”  (1) Hasty Generalisation  (2) Slippery Slope (3) Begging the Question  (4) Inappropriate Authority  निम्नलिखित कथन में कौन सा तर्क दोष निहित है?  “तरुण हत्या का दोषी नहीं हो सकता … Read more

INDIAN LOGIC-Logical Reasoning- Q&A 2023-24

13-JUNE-2023-Shift-02 18. ‘Fire is cold because it is substance’ represents which of the following Hetvabhase?  ‘आग ठंडी है क्योंकि यह एक द्रव्य है’ यह निम्नलिखित में से कौन-सा हेत्वाभास दर्शाता है?  (a) Viruddha/विरुद्ध  (b) Badhita/बाधित  (c) Asiddha/असिद्ध  (d) Savyabhichara/सव्यभिचार  Ans. (b) : “आग ठंडी है, क्योंकि यह एक द्रव्य है- एक  उदाहरण है जिसमें से … Read more

भारतीय तर्कशास्त्र-PART-06-अनुपलब्धि-शब्द 

अनुपलब्धि प्रमाण (Non-Apprehension) :  अनुपलब्धि प्रमाण का अर्थ एवं स्वरूप अनुपलब्धि का शाब्दिक अर्थ है जो उपलब्ध न हो अर्थात् जिसकी उपलब्धि (ज्ञान) का अभाव हो उसे ही अनुपलब्धि कहते हैं। प्रमाण के रूप में अनुपलब्धि का प्रमुख कार्य अभाव को ग्रहण करना है। प्रमुख मीमांसक आचार्य ‘पार्थसारथी मिश्र ने ‘शास्त्रदीपिका’ में उल्लिखित किया है … Read more

भारतीय तर्कशास्त्र-PART-05-उपमान -अर्थापत्ति

02. उपमान प्रमाण  (COMPARISION) :  उपमान प्रमाण (उपमितिकरणम् से उत्पद्यते पर्यन्त) उपमितिकरणमुपमानम्। संज्ञासंज्ञिसम्बन्धज्ञानमुपमितिः ।  तत्करणं सादृश्यज्ञानम् । अतिदेशवाक्यार्थस्मरणमवान्तरव्यापारः ।  तथा हि- कश्चिद् गवयशब्दार्थमजानन् कुतश्चिदारण्यकपुरुषात् ‘गोसदृशो गवयः’ इति श्रुत्वा, वनं गतो वाक्यार्थं स्मरन् गोसदृशं पिण्डं पश्यति।  तदनन्तरम् ‘असौ गवयशब्दवाच्यः’ इत्युपमितिरुत्पद्यते । व्याख्या : तर्कसंग्रहकार आचार्य अन्नम्भट्ट प्रत्यक्ष एवं अनुमान प्रमाण का निरूपण करने के उपरान्त तृतीय प्रमाण ‘उपमान’ … Read more

भारतीय तर्कशास्त्र-PART-04-हेत्वाभास

हेत्वाभास : हेत्वाभास के 5 प्रकार सव्यभिचारविरुद्धसत्प्रतिपक्षासिद्धबाधिताः पञ्च हेत्वाभासाः । व्याख्या : अनुमान प्रमाण का स्वरूप निरुपित करने के उपरान्त आचार्य अन्नम्भट्ट अनुमान के ही अंगभूत ‘हेत्वाभास’ का विवेचन प्रारम्भ करते हैं। न्याय-वैशेषिक दर्शन में हेत्वाभास यद्यपि असद् हेतु हैं तथापि ये हेतु या सद्हेतु के ही अंग हैं, अतः हेतुज्ञान की पूर्णता तथा अनुचित … Read more