कबीर ग्रंथावली (संपादक- हजारी प्रसाद द्विवेदी) के पद संख्या 168अर्थ सहित
kabir ke pad arth sahit. पद: 168 साधो, देखो जग बौराना ।साँची कहौ तौ मारन धावै, झूठे जग पतियाना ।हिन्दू कहत, राम हमारा, मुसलमान रहमाना ।आपस में दौऊ लड़ै मरत हैं, मरम कोई नहिं जाना ।बहुत मिले मोहि नेमी-धर्मी, प्रात करे असनाना ।आतम-छाँड़ि पषानै पूजै, तिनका थोथा ज्ञाना ।आसन मारि डिंभ धरि बैठे, मन में … Read more