सरोज-स्मृति

सरोज-स्मृति(सूर्यकांत त्रिपाठी निराला)ऊनविंश पर जो प्रथम चरण तेरा वह जीवन-सिंधु-तरण; तनय, ली कर दृक्-पात तरुण जनक से जन्म की विदा अरुण! गीते मेरी, तज रूप-नाम वर लिया अमर शाश्वत विराम पूरे कर शुचितर सपर्याय जीवन के अष्टादशाध्याय, चढ़ मृत्यु-तरणि पर तूर्ण-चरण कह—“पितः, पूर्ण आलोक वरण करती हूँ मैं, यह नहीं मरण, ‘सरोज’ का ज्योतिःशरण—तरण— अशब्द … Read more

Asadhya Veena-असाध्य वीणा

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Yama-Mahadevi Verma pdf download

यामा महादेवी वर्माYama Mahadevi Verma‘यामा’ में शामिल रचनायें नीहार, रश्मि, नीरजा और सांध्यगीत काव्य संग्रहों में से ली गई हैं । नीहार (प्रथम याम) निशा की, धो देता राकेश-विसर्जनमैं अनन्त पथ में लिखती जो-मिटने का खेलनिश्वासों का नीड़-संसारवे मुस्काते फूल, नहीं-अधिकारघायल मन लेकर सो जाती-निर्वाणजिन नयनों की विपुल नीलिमा-समाधि के दीप सेछाया की आँखमिचौनी-अभिमानघोर तम … Read more

Hindi Sahitya Ki Bhumika

हिन्दी-ग्रन्थ-रत्नाकर सीरीजहिन्दी साहित्यकी भूमिकाहजारीप्रसाद द्विवेदी शास्त्राचार्य विश्वभारती, शान्तिनिकेतनके संस्कृत-हिन्दीके अध्यापक Acharya Hajari Prasad Dwiwedi

संधि – Sandhi

संधि शब्द का अर्थ है ‘मेल’। दो निकटवर्ती वर्णों ( वर्ण अक्षर की ध्वनियों)के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह संधि कहलाता है।
जैसे –
धर्म + अर्थ = धर्मार्थ
ध्+अ+र्+म्+अ (+) अ+र्+था
अंतिम वर्णों का योग
अ+अ=आ