7. विद्यानिवास मिश्र – मेरे राम का मुकुट भीग रहा है 

Tags: ( विद्यानिवास मिश्र मेरे राम का मुकुट भीग रहा है निबंध , निबंध मेरे राम का मुकुट भीग रहा है विद्यानिवास मिश्र) Tags: ( विद्यानिवास मिश्र मेरे राम का मुकुट भीग रहा है निबंध , निबंध मेरे राम का मुकुट भीग रहा है विद्यानिवास मिश्र,) महीनों से मन बेहद-बेहद उदास है। उदासी की कोई … Read more

8.अध्यापक पूर्ण सिंह – मजदूरी और प्रेम 

tag : ( सरदार पूर्ण सिंह मजदूरी और प्रेम निबंध,  सरदार पूर्ण सिंह,अध्यापक पूर्ण सिंह – मजदूरी और प्रेम,मजदूरी और प्रेम , majduri aur prem poorna singh,  ) tag : ( सरदार पूर्ण सिंह मजदूरी और प्रेम निबंध,  सरदार पूर्ण सिंह,अध्यापक पूर्ण सिंह – मजदूरी और प्रेम,मजदूरी और प्रेम , majduri aur prem poorna singh,  … Read more

9.कुबेरनाथ राय – उत्तराफाल्गुनी के आस-पास

 Tag: (कुबेरनाथ राय उत्तराफाल्गुनी के आसपास निबंध,निबंध उत्तराफाल्गुनी के आसपास कुबेरनाथ राय)    Tag: (कुबेरनाथ राय उत्तराफाल्गुनी के आसपास निबंध,निबंध उत्तराफाल्गुनी के आसपास कुबेरनाथ राय) वर्षा ऋतु की अंतिम नक्षत्र है उत्तराफाल्गुनी। हमारे जीवन में गदह-पचीसी सावन-मनभावन है, बड़ी मौज रहती है, परंतु सत्ताइसवें के आते-आते घनघोर भाद्रपद के अशनि-संकेत मिलने लगते हैं और तीसी के … Read more

10.विवेकी राय – उठ जाग मुसाफिर 

uth jaagmusafir nibandh-viveki rai      ‘उठ जाग मुसाफ़िर’ की भूमिका में विवेकी राय ने लिखा है- ‘‘कई बार चर्चाओं में यह बात आई कि ललित निबन्ध एक ठहरी हुई विधा है और इसमें अब ज्यादा कुछ लिखने-करने की सम्भावना नहीं है .’’(पृष्ठ ७) ठीक यही बात रामस्वरूप चतुर्वेदी ने अपनी पुस्तक ‘हिन्दी साहित्य संवेदना का विकास’ … Read more

नामवर सिंह : संस्कृति और सौंदर्य आलोचना

‘अशोक के फूल’ केवल एक फूल की कहानी नहीं, भारतीय संस्‍कृति का एक अध्‍याय है; और इस अध्‍याय का अनंगलेख पढ़नेवाले हिंदी में पहले व्‍यक्ति हैं हजारीप्रसाद द्विवेदी। पहली बार उन्‍हें ही यह अनुभव हुआ कि ‘एक-एक फूल, एक-एक पशु, एक-एक पक्षी न जाने कितनी स्‍मृतियों का भार लेकर हमारे सामने उपस्थित है। अशोक की … Read more