S-R Theory of Watson / वाट्सन का S-R सिद्धांत
“एस-आर सिद्धांत” आम तौर पर “उत्तेजना-प्रतिक्रिया सिद्धांत” को संदर्भित करता है, जो व्यवहारवाद से जुड़े मनोविज्ञान में एक मौलिक अवधारणा है, विशेष रूप से बी.एफ. स्किनर का काम। हालाँकि, व्यवहारवाद में वॉटसन और स्किनर दोनों के योगदान का अवलोकन।
1. जॉन बी. वाटसन:
– जॉन बी. वॉटसन को अक्सर व्यवहारवाद के संस्थापक व्यक्तियों में से एक माना जाता है। उन्होंने प्रस्तावित किया कि मनोविज्ञान को अदृश्य मानसिक प्रक्रियाओं के बजाय अवलोकन योग्य व्यवहारों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो वैज्ञानिक अध्ययन के लिए सुलभ नहीं थे।
– वॉटसन के “एसआर” सिद्धांत, या “उत्तेजना-प्रतिक्रिया” सिद्धांत ने जोर दिया कि मानव और पशु व्यवहार विशिष्ट पर्यावरणीय उत्तेजनाओं के प्रति व्यक्ति की प्रतिक्रिया का प्रत्यक्ष परिणाम है।
– उन्होंने प्रसिद्ध “लिटिल अल्बर्ट” प्रयोग किया, जिसमें दिखाया गया कि भय जैसी भावनात्मक प्रतिक्रियाएं, शास्त्रीय कंडीशनिंग के माध्यम से मनुष्यों में वातानुकूलित की जा सकती हैं।
Reinforcement Theory of Skinner / स्किनर का प्रबलन सिद्धांत
2. बी.एफ. स्किनर (B.F. Skinner):
– बी.एफ. स्किनर ने व्यवहारवाद के सिद्धांतों, विशेष रूप से “उत्तेजना-प्रतिक्रिया (Stimulus-Response Theory)” ढांचे का विस्तार किया। उनके काम को कभी-कभी “एस-आर-आर (S-R-R)” सिद्धांत के रूप में जाना जाता है, जहां “आर” का अर्थ सुदृढीकरण (reinforcement) है।
– स्किनर का काम ऑपरेंट कंडीशनिंग पर केंद्रित है, जो व्यवहार के परिणामों (सुदृढीकरण और दंड) से संबंधित है और वे भविष्य के व्यवहार को कैसे आकार देते हैं।
– उन्होंने स्किनर बॉक्स की अवधारणा पेश की, जो जानवरों के व्यवहार और सीखने के अध्ययन के लिए एक नियंत्रित वातावरण है, और प्रदर्शित किया कि कैसे सुदृढीकरण और दंड के माध्यम से व्यवहार को संशोधित किया जा सकता है।
– स्किनर के सिद्धांतों का व्यवहारवाद के क्षेत्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा और व्यवहार संशोधन और व्यावहारिक व्यवहार मनोविज्ञान की नींव रखी।
संक्षेप में, वॉटसन और स्किनर दोनों ने व्यवहारवाद के विकास में योगदान दिया, वॉटसन ने अवलोकन योग्य उत्तेजनाओं और प्रतिक्रियाओं के बीच संबंधों पर जोर दिया, जबकि स्किनर ने व्यवहार को आकार देने में सुदृढीकरण की भूमिका को शामिल करने के लिए सिद्धांत का विस्तार किया।
S-R Theory of Watson
The “S-R Theory” typically refers to the “Stimulus-Response Theory,” which is a fundamental concept in psychology associated with behaviorism, particularly the work of B.F. Skinner. However, Overview of both Watson’s and Skinner’s contributions to behaviorism.
1. John B. Watson:
– John B. Watson is often considered one of the founding figures of behaviorism. He proposed that psychology should focus on observable behaviors rather than unobservable mental processes, which were not accessible to scientific study.
– Watson’s “S-R” theory, or “Stimulus-Response” theory, emphasized that human and animal behavior is a direct result of the individual’s response to specific environmental stimuli.
– He conducted the famous “Little Albert” experiment, which demonstrated that emotional responses, such as fear, could be conditioned in humans through classical conditioning.
2. B.F. Skinner:
– B.F. Skinner expanded upon the principles of behaviorism, particularly the “Stimulus-Response” framework. His work is sometimes referred to as “S-R-R” theory, where “R” stands for reinforcement.
– Skinner’s work focused on operant conditioning, which deals with the consequences (reinforcements and punishments) of behavior and how they shape future behavior.
– He introduced the concept of the Skinner Box, a controlled environment for studying animal behavior and learning, and demonstrated how behavior could be modified through reinforcement and punishment.
– Skinner’s theories had a significant influence on the field of behaviorism and laid the foundation for behavior modification and applied behavioral psychology.
In summary, both Watson and Skinner contributed to the development of behaviorism, with Watson emphasizing the relationship between observable stimuli and responses, while Skinner expanded the theory to include the role of reinforcement in shaping behavior.
(Q. from UGCNET-2020 September Exam)
Q. Which learning theory provides support for active participation of learner in the learning process in an interactional setting with intrinsic motivation as the basis? अन्तरक्रियात्मक परिप्रेक्ष्य में अंतर्भूत अभिप्रेरणा के साथ अधिगम प्रक्रिया के दौरान शिक्षार्थियों की सक्रिय भागीदारी के लिए कौन सा अधिगम सिद्धांत सहायक है? (a) S-R Theory of Watson / वाट्सन का S-R सिद्धांत
(b) Reinforcement Theory of Skinner / स्किनर का प्रबलन सिद्धांत
(c) Constructivist Theory of Vygotsky/वाईगोत्स्की का रचनावादी सिद्धांत
(d) Insight Theory of Kohler/ कोहलर का अंतर्दृष्टि सिद्धांत
Ans (c) अन्तरक्रियात्मक परिप्रेक्ष्य में अन्तर्भूत अभिप्रेरणा के साथ : अधिगम प्रक्रिया के दौरान विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी के लिए वाईगोत्स्की का रचनावादी सिद्धान्त सहायक है क्योंकि वाईगोत्स्की के अनुसार अधिगमकर्ता को अधिगम प्रक्रिया में संलग्न होना चाहिए तथा शिक्षक को विद्यार्थियों की अधिगम में सहायता करनी चाहिये।
Q. Which of the following sampling techniques in research employ randomization and equal probability of drawing the units? शोध में निम्नलिखित में से कौन-सी प्रतिदर्श तकनीक में इकाइयों को निकालने में यादृच्छिकरण और समान संभाव्यता होती है-
A Quota sampling/ आनुपातिक प्रतिदर्श चयन
B Snowball sampling/ स्नोबॉल प्रतिदर्श
C Stratified sampling/स्तरित प्रतिदर्श चयन
D Dimensional sampling/ विमात्मक चयन प्रतिदर्श |
E Cluster sampling/गुच्छ प्रतिदर्श चयन
Choose the correct answer from the options given below :
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनें-
(a) A and B only / केवल A और B
(b) B and C only/केवल B और C
(c) C and E only / केवल C और E
(d) D and E only/केवल D और E
Ans (c) : स्तरित प्रतिदर्श चयन और गुच्छ प्रतिदर्श प्रतिचयन संभाव्यता आधारित प्रतिदर्श प्रतिचयन तकनीक है जिनमें किसी समग्र से प्रतिदर्श के चयन में इकाइयों को यादृच्छिकरण और समान संभाव्यता प्राप्त होती है। जबकि आनुपातिक, स्नोबॉल और विमात्मक प्रतिदर्श प्रतिचयन विधियाँ गैर-संभाव्यता आधारित प्रतिदर्श प्रतिचयन विधियाँ हैं जिनमें प्रतिदर्श शोधकर्ता के निर्णय और शोध के उद्देश्य के आधार पर लिये जाते हैं। सम्भाव्यता आधारित प्रतिचयन में समग्र के सभी तत्व के प्रतिदर्श में चुने जाने की सम्भावना समान रहती है तथा प्रत्येक इकाई को चुनने की स्वतन्त्रता ही इसे अधिक प्रभावकारी बनाती है वहीं असम्भाव्यता आधारित प्रतिचयन में समग्र के सभी तत्वों के प्रतिदर्श में चुने जाने की सम्भावना असामान्य होती है इसे शोधकर्ता अपने शोध कार्य, लागत, समय, स्थान के आधार पर प्रतिदर्श को चयनित एवं निर्धारित करता है। परिसीमन की ये मात्रा ही इस प्रतिचयन विधि को दुर्बल बनाती है।
- फाउंडेशन कोर्स हिंदी की अध्ययन सामग्री
- संवैधानिक सुधार एवं आर्थिक समस्याएं
- रहीम (1556-1626)
- Sant-Raidas-रैदास (1388-1518)
- CSIR UGC NET JRF EXAM RELATED AUTHENTIC INFORMATION AND LINKS ARE HERE
- About Culture-संस्कृति के विषय में
- About Institution-संस्था के विषय में
- ACT.-अधिनियम
- Awareness About Geography-भूगोल के विषय में जागरूकता
- Awareness About Indian History-भारतीय इतिहास के विषय में जागरुकता
- Awareness About Maths-गणित के बारे में जागरूकता
- Awareness about Medicines
- Awareness About Politics-राजनीति के बारे में जागरूकता
- Awareness-जागरूकता
- Basic Information
- Bharat Ratna-भारत रत्न
- Chanakya Quotes
- CLASS 9 NCERT
- CMs OF MP-मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री
- CSIR UGC NET
- e-Test-ई-टेस्ट
- Education
- Education-शिक्षा
- FULL TEST SERIES
- GK
- Granthawali-ग्रन्थावली
- Hindi Literature
- Hindi Literature-हिंदी साहित्य
- HINDI NATAK-हिंदी नाटक
- Hindi Upanyas-हिंदी उपान्यास
- ICT-Information And Communication TEchnology
- Jokes-चुटकुले
- Kabir ji Ki Ramaini-कबीर जी की रमैणी
- KAHANIYAN
- Katha-Satsang-कथा-सत्संग
- Kavyashastra-काव्यशास्त्र
- Meaning In Hindi-मीनिंग इन हिंदी
- Meaning-अर्थ
- Motivational Quotes in Hindi-प्रेरक उद्धरण हिंदी में
- MPESB(VYAPAM)-Solved Papers
- MPPSC
- MPPSC AP HINDI
- MPPSC GENERAL STUDIES
- MPPSC-AP-HINDI-EXAM-2022
- MPPSC-Exams
- MPPSC-मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग
- Nibandha
- Padma Awardees-पद्म पुरस्कार विजेता
- PDFHUB
- PILLAR CONTENT
- QUOTES
- RSSU CHHINDWARA-राजा शंकर शाह वि.वि. छिंदवाड़ा
- RSSU QUESTION PAPERS
- SANSKRIT-HINDI
- Sarkari Job Advertisement-सरकारी नौकरी विज्ञापन
- Sarkari Yojna-सरकारी योजना
- Sarkari-सरकारी
- Sarthak News-सार्थक न्यूज़
- SCHOOL
- Theoretical Awareness-सैद्धांतिक जागरूकता
- UGC NET
- UGC NET COMPUTER SCIENCE
- UGC NET NEWS
- UGC_NET_HINDI
- UGCNET HINDI
- UGCNET HINDI PRE. YEAR QUE. PAPERS
- UGCNET HINDI Solved Previous Year Questions
- UGCNET-FIRST-PAPER
- UGCNET-FIRSTPAPER-PRE.YEAR.Q&A
- UPSC-संघ लोक सेवा आयोग
- Various Exams
- इकाई – 02 शोध अभिवृत्ति (Research Aptitude)
- इकाई – 03 बोध (Comprehension)
- इकाई – 04 संप्रेषण (Communication)
- इकाई – 07 आंकड़ों की व्याख्या (Data Interpretation)
- इकाई – 10 उच्च शिक्षा प्रणाली (Higher Education System)
- इकाई -01 शिक्षण अभिवृत्ति (Teaching Aptitude
- इकाई -06 युक्तियुक्त तर्क (Logical Reasoning)
- इकाई -09 लोग विकास और पर्यावरण (People, Development and Environment)
- इकाई 08 सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT-Information and Communication Technology)
- इकाई-05 गणितीय तर्क और अभिवृत्ति (Mathematical Reasoning And Aptitude)
- कबीर ग्रंथावली (संपादक- हजारी प्रसाद द्विवेदी)
- कविताएँ-Poetries
- कहानियाँ – इकाई -07
- कहानियाँ-KAHANIYAN
- कहानियाँ-Stories
- खिलाड़ी-Players
- प्राचीन ग्रन्थ-Ancient Books
- मुंशी प्रेमचंद
- व्यक्तियों के विषय में-About Persons
- सार्थक न्यूज़
- साहित्यकार
- हिंदी व्याकरण-Hindi Grammar