(Acknowledgement : Based On ignou university study material on the topic)
सम्प्रेषण : इसका अभिप्राय सूचनाओं के प्रसारण से हैं जो वाचिक (मौखिक अथवा लिखित) अथवा अवाचिक (मुद्रा, चिन्ह और प्रतीक) के माध्यम से हो सकती है।
वाचिक सम्प्रेषण : कोई सम्प्रेषण जिसमें शब्दों का प्रयोग सम्मिलित होता है उसे वाचिक सम्प्रेषण कहते हैं।
अवाचिक सम्प्रेषण : कोई सम्प्रेषण जो शब्दों के बिना घटित होती है उसे अवाचिक सम्प्रेषण कहते हैं।
स्रोत / प्रेषक : इसका अभिप्राय उस माध्यम से है जहाँ से सम्प्रेषण की शुरुआत अथवा प्रारंभ होता है
ट्रांसमीटर : इसका उपयोग एक तंत्र जैसे रेडियो अथवा टेलीविज़न संकेतों द्वारा सूचनाओं के भेजने अथवा प्रसारण के लिए किया जाता है।
माध्यम: स्रोत और गन्त्वा के बीच सम्प्रेषण को प्रसारित करने या आगे बढ़ने के क्रम में एक माध्यम होता है जिसके द्वारा सम्प्रेषण को प्रसारित किया जाता है।
प्राप्तकर्ता / गंतव्य: प्राप्तकर्ता से अभिप्राय उस अंतिम व्यक्ति से होता है जो प्रेषक द्वारा भेजी गयी सूचना को प्राप्त करता है। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति जो किसी भाषण को सुनता है अथवा सन्देश को पढ़ता है जिसके लिए वह लक्षित होती है उसे सम्प्रेषण का प्राप्तकर्ता अथवा गंतव्य कहते हैं ।
पुनर्निवेशन (Feedback): इस बात पर नियंत्रण रखने के लिए कि क्या सूचना प्राप्तकर्ता के पास उचित ढंग से पहुँच रही है प्रेषक को सतत पुनर्निवेशन की आवश्यकता पड़ती है। यह वाचिक अथवा अवाचिक अनुक्रिया के रूप में हो सकता है।
कोलाहल : कोई भी आवाज / संकेत अथवा ध्वनि जो सन्देश के प्रभावी ढंग से भेजने अथवा प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न करे उसे कोलाहल कहा जाता है
कूटसंकेतन और : कूटसंकेतन का अभिप्राय एक प्रक्रिया से है जिसमें प्रेषक उन विकूटसंकेत सूचनाओं को जो उसे अपने शब्दों / तरीकों से भेजना होता है उसमें कूटसंकेतन या बदलाव करता है जबकि विकूटसंकेतन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसकी सहायता से प्राप्तकर्ता सूचनाओं का विकूटसंकेतन करता है और समझने का प्रयास करता है।
ग्रेपवाइन सम्प्रेषण : यह एक सम्प्रेषण है जो यादृक्षित रूप से घटित होता है और संगठन के लिए संस्तुत संरचना का अनुपालन नहीं करता है।
आमने-सामने का सम्प्रेषण (Face to Face Communication):
यह स्काईप तथा व्हाट्सऐप सदृश ऐप द्वारा सम्भव होता है। आजकल कई समाचार चैनल सम्प्रेषण की इस तकनीक का उपयोग करते हैं जिसमें वक्ता और दर्शक एक दूसरे से प्रश्न पूछ सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक सम्प्रेषण (Electronic Communication): : इस तकनीक में वक्ता और प्राप्तकर्ता आमने-सामनें नहीं होते हैं परन्तु वे संदेश का आदान-प्रदान तीव्र गति से कर पाते हैं। यह इण्टरनेट पर आधारित है।
विसंकेतन (Decoding):: यह एनकोड्ड संदेश को पढ़ने योग्य समझने योग्य संदेश में परिवर्तित करने की तकनीक है।
फीडबैक (Feedback) : यह सम्प्रेषण का अन्तिम परिणाम है। यह प्रेषक द्वारा सम्प्रेषण के माध्यम से मांगी गई सूचना है।