Q&A-Unit-03-Part-06-Comprehension-3092020-Shift-02


यू.जी.सी. NTA नेट / जेआरएफ परीक्षा, जून- 2020   शिक्षण एवं शोध अभियोग्यता    प्रथम प्रश्न-पत्र :  Shift-II 

(व्याख्या सहित हल प्रश्न-पत्र )  (परीक्षा तिथि 29 सितम्बर, 2020 )


Question Numbers (46-50): Comprehension. 

Read the given passage carefully and answer the questions that follow-

At the turn of the century, a dominant conception of the child as learner was that he was cognitively an “empty organism” responding more or less randomly to stimulation and characteristically learning when specific responses were connected with specific stimuli through the meditation of pleasure or pain. The organism itself, it was believed, would do nothing to learn or think if it were not impelled to such activity by primary drives like hunger or thirst or by externally applied motives like reward and punishment. Experimenters in the laboratory were connecting correct responses of animals to puzzle boxes by giving or withholding food and teachers in the classroom were connecting correct responses of children to problem cards by giving or withholding approval.

In pointing to this aspect of the turn-of-the-century view of the learner, I do not mean to derogate the historic achievement of the connectionist formulation of learning. But the essential point remains, a conception of the learner as an ideationally empty organism associating discrete stimuli and responses through the operation of rewards and punishments under the control of the teacher. Both the stimulus – what was supposed to be learned and the response what was actually learned – were believed to be determined by the teacher.

It was no accident that the materials and methods of instruction and the form of the classroom were teacher- centered. The teacher was necessarily placed in front of the classroom – sometimes on a dais or platform – and the pupils on chairs rigidly fastened to the floor in straight rows facing forward so they would not turn away from the only source of the learning experience the teacher. Given this contemporary vision of the learner, what could be a more eminently practical and sensible image of the ideal learning environment? Indeed, there is a letter by John Dewey dating from the period in which he complains that when he was trying to equip his new school according to his different conception of child as learners, he was unable to find any other kind of classroom furniture. 

नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए.

विगत् शताब्दी के अंत में अधिगमकर्ता के रूप में बालक के संबंध में एक प्रबल अवधारणा यह रही है। कि वह संज्ञानात्मक दृष्टि से कोरा जीव है जो उद्दीपन पर लगभग निरुद्देश्यता से प्रतिक्रिया देता है तथा वह सुख और दुःख की मध्यस्थता द्वारा विशेष उहीपकों की प्रस्तुति के फलस्वरूप विनिर्दिष्ट अनुक्रियाओं से विशेषतया सीख लेता है। यह माना जाता था कि वह सीखने या सोचने के लिए स्वयं पहल नहीं करता, जब तक कि उसे प्रणोदकों यथाः क्षुधा एवं पिपासा या बाह्य रूप में अनुप्रयुक्त प्रेरकों यथा पुरस्कार एवं दण्ड द्वारा बाध्य न कर दिया जाए। प्रयोगशालाओं में प्रयोगकर्ता पहेली पेटिकाओं के माध्यम से जीवों को भोजन देकर या वंचित कर सही अनुक्रियाओं को संयोजित करते थे तथा शिक्षक भी इसी प्रकार बच्चों में समस्या- कार्ड के माध्यम से सहमति देकर या उसे रोक कर सही अनुक्रियाओं को सिखाते थे।

अधिगमकर्ता की इसी प्रकार की अवधारणा का उल्लेख करते हुए, जो शताब्दी के अंत में प्रचलित थी, में अधिगम के संबंधवादी प्रतिपादन का जो ऐतिहासिक महत्त्व वाला है, उसका उपहास नहीं करना चाहता। मूल बात यह है कि अधिगमकर्ता एक वैचारिक रूप में रिक्त जीव की श्रेणी में था, जिसे शिक्षक द्वारा प्रयुक्त पुरस्कार एवं दण्ड के माध्यम से नियंत्रणाधीन माना जाता था। दोनों ही, यथा: उद्दीपक, जिसे अधिगम किया जाना अभिप्रेत था तथा अनुक्रिया, जिसे वास्तविक रूप में अधिगम किया जाना था, द्वारा निर्धारित किया जाना अंगीकृत था । को शिक्षक यह केवल संयोग ही नहीं था कि अनुदेशन की सामग्रियां एवं विधियां तथा कक्षागत परिवेश शिक्षण- केंद्रित थे। शिक्षक को कक्षा में अग्रणी दर्जा प्राप्त था, कभी उसे मंच या विशेष स्थान देकर तथा विद्यार्थियों को सीधी पंक्ति में अपनी कुर्सियों पर अवस्थित रख कर, जिससे वे अधिगम के अनुभव के स्त्रोत के रूप में शिक्षक से विमुख न हों अधिगमकर्ता की इस समसामयिक दृष्टि पर निक्षेप करते हुए आदर्श अधिगम परिवेश की व्यावहारिक एवं समझयोग्य छवि और क्या बन सकती है। इसी कालावधि में जॉन डीवी द्वारा एक पत्र लिखा गया, जिसमें उन्होंने शिकायत की कि वे जब अपने नवीन विद्यालय के अधिगमकर्ता बालक की परिवर्तन भूमिका के परिप्रेक्ष्य में सज्जित कर रहे थे तो उन्हें कक्षागृह के लिए अन्य प्रकार के फर्नीचर अनुपलब्ध थे।

46.  The early child was thought of as प्रारम्भ में बालक को किस रूप में माना गया था ?

(a) Intelligent enough to know both pain and pleasure / दुःख और सुख दोनों के अवबोध में पर्याप्त प्रज्ञावान

(b) Having no power of cognition/संज्ञान की शक्ति न  

(c) Not amenable to specific stimuli / विशेष उद्दीपक के प्रति ग्रहणशील नहीं

(d) Having motivational effect in a random way / यादृच्छिक तरीके से अभिप्रेणात्मक प्रभाव रखना

Ans. (b): प्रारम्भ में बालक के बारे में यह माना गया है कि उसमें  संज्ञान की शक्ति नहीं है। 

47.  The basic idea behind laboratory experiment was related to प्रयोगशाला के प्रयोग किससे संबंधित थे?

(a) Motivating the child with reward and punishment / पुरस्कार और दण्ड द्वारा बालक को अभिप्रेरणा देना

(b) Considering hunger and thirst as negligible in impact/क्षुधा और पिपासा को प्रभाव में नगण्य मानना 

(c) Animals and children having the same drive / पशुओं और बालकों दोनों में समान प्रकार की प्रेरणा होना 

(d) Teachers controlling children / शिक्षकों द्वारा बालकों को नियंत्रित करना 

 Ans. (a) प्रयोगशाला के प्रयोग पुरस्कार और दण्ड द्वारा बालक : को अभिप्रेरणा देने से संबंधित है।

48. The connectionist formula placed importance on संबंधवादी सूत्र ने किसको महत्त्व दिया था 

(a) Withholding negative stimuli / नकारात्मक उद्दीपक को रोकना

(b) Teacher-centric motivation / शिक्षण केन्द्रित अभिप्रेरणा

(c) Search for specific responses / विशेष अनुक्रियाओं को खोजना  laboratories/

(d) Doing experiments in प्रयोगशालाओं में प्रयोग करना ने 

Ans. (b): संबंधवादी सूत्र ने शिक्षण केन्द्रित अभिप्रेरणा को महत्व दिया था।

49. What was expected of pupils during those early days?

प्रारम्भिक काल में विद्यार्थियों से क्या अपेक्षा की जाती थी?

(a) To create an ideal learning environment / एक आदर्श अधिगम परिवेश का निर्माण करना

(b) To be in the of the classroom / कक्षा में अग्रणी रहना

(c) Be attentive towards classroom teaching/ में शिक्षण के प्रति एकाग्र रहना

(d) To place the teacher on the higher pedestal/ शिक्षक को उच्चतर स्थान देना

Ans. (c) : प्रारम्भिक काल में विद्यार्थियों से यह अपेक्षा रखी जाती थी कि वह कक्षा में शिक्षण के प्रति एकाग्र रहें।

50. What did John Dewey say of child learning?

जॉन डीवी ने बालक के अधिगम के बारे में क्या कहा था? 

(a) Teacher as the only source of knowledge/शिक्षक ज्ञान के एकमात्र स्रोत के रूप में। 

(b) The learner should be given incentives for learning/ अधिगमकर्ता को अधिगम हेतु अभिप्रेरक प्रदान किए जाने चाहिए।

(c) The existing educational environment was ideal / प्रचलित शिक्षा का परिवेश आदर्श रूप का था। 

(d) The focus should be on child as a learner / एक अधिगमकर्ता के रूप में बालक पर ध्यान केन्द्रित किया जाना चाहिए।

Ans. (d) जॉन डीवी ने बालक के अधिगम के बारे में कहा था कि एक अधिगमकर्ता के रूप में बालक पर ध्यान केन्द्रित किया जाना चाहिए।