131. सूची-1 के साथ सूची-II का मिलान कीजिए :
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए :
(1) A-II, B-IV, C-1, D-III
(3) A-II, В-1, C-IV, D-III
(2) A-III, B-IV, C-I, D-II
(4) A-IV, B-III, C-II, D-I
UGCNET-EXAM-SECOND-PAPER-HINDI- परीक्षा तिथि -18/06/2024
उत्तर – (1) A-II, B-IV, C-1, D-III
131. सूची-1 के साथ सूची-II का मिलान कीजिए :
सूची-1(संवाद) सूची-II(पात्र / चरित्र)
A. धनवानों के हाथ में एक ही माप है। वे-विद्या, सौंदर्य, बल, पवित्रता, और तो क्या-हृदय को भी उसी से मापते हैं। वह माष है उनका-ऐश्वर्य।-II. देवसेना
B. जिस राष्ट्र और समाज से हमारी सुख-शांति में बाधा पड़ती हो – उसका हमें तिरस्कार करना ही होगा। -IV. श्रमण
C. भारत समग्र विश्व का है, और संपूर्ण वसुंधरा इसके प्रेम-पाश में आबद्ध है।-I. धातुसेन
132. सूची-1 के साथ सूची-II का मिलान कीजिए :
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए :
(1) A-IV, B-I, C-II, D-III
(2) A-II, B-IV, C-I, D-III
(3) A-III, B-IV, C-II, D-I
4) A-III, B-IV, C-1, D-II
UGCNET-EXAM-SECOND-PAPER-HINDI- परीक्षा तिथि -18/06/2024
उत्तर – (2) A-II, B-IV, C-I, D-III
A. चना हाकिम सब जो खाते। सब पर दूना टिकस लगाते ।। – II. घासीराम
B. कोकिल बायस एक सम, पंडित मूरख इन्द्रायन दाड़िम विषय, जहाँ न नेकु बिवेक – IV. महंत
C. प्रगट सभ्य अंतर छलधारी। सोई राजसभा बल भारी ।। – I. गोवरधनदास
D. लाख टका कै वाला जोबन, गाहक सब ललचाय – III. मछली वाली
दूसरा दृश्य
(बाजार)
कबाबवाला : कबाब गरमागरम मसालेदार-चैरासी मसाला बहत्तर आँच का-कबाब गरमागरम मसालेदार-खाय सो होंठ चाटै, न खाय सो जीभ काटै। कबाब लो, कबाब का ढेर-बेचा टके सेर।
घासीराम : चने जोर गरम-
चने बनावैं घासीराम।
चना चुरमुर चुरमुर बौलै।
चना खावै तौकी मैना।
चना खायं गफूरन मुन्ना।
चना खाते सब बंगाली।
चना खाते मियाँ- जुलाहे।
चना हाकिम सब जो खाते।
चने जोर गरम-टके सेर।
……
मछलीवाली : मछली ले मछली।
मछरिया एक टके कै बिकाय।
लाख टका के वाला जोबन, गांहक सब ललचाय।
नैन मछरिया रूप जाल में, देखतही फँसि जाय।
बिनु पानी मछरी सो बिरहिया, मिले बिना अकुलाय।
….. .. ..
तीसरा दृश्य
(स्थान जंगल)
(महन्त जी और नारायणदास एक ओर से ‘राम भजो इत्यादि गीत गाते हुए आते हैं और एक ओर से गोबवर्धनदास अन्धेरनगरी गाते हुए आते हैं’)
महन्त : बच्चा गोवर्धन दास! कह क्या भिक्षा लाया? गठरी तो भारी मालूम पड़ती है।
गो. दा. : बाबा जी महाराज! बड़े माल लाया हँ, साढ़े तीन सेर मिठाई है।
महन्त : देखूँ बच्चा! (मिठाई की झोली अपने सामने रख कर खोल कर देखता है) वाह! वाह! बच्चा! इतनी मिठाई कहाँ से लाया? किस धर्मात्मा से भेंट हुई?
गो. दा. : गुरूजी महाराज! सात पैसे भीख में मिले थे, उसी से इतनी मिठाई मोल ली है।
महन्त : बच्चा! नारायण दास ने मुझसे कहा था कि यहाँ सब चीज टके सेर मिलती है, तो मैंने इसकी बात का विश्वास नहीं किया। बच्चा, वह कौन सी नगरी है और इसका कौन सा राजा है, जहां टके सेर भाजी और टके ही सेर खाजा है?
गो. दा. : अन्धेरनगरी चौपट्ट राजा, टके सेर भाजी टके सेर खाजा।
महन्त : तो बच्चा! ऐसी नगरी में रहना उचित नहीं है, जहाँ टके सेर भाजी और टके ही सेर खाजा हो।
दोहा : सेत सेत सब एक से, जहाँ कपूर कपास।
ऐसे देस कुदेस में कबहुँ न कीजै बास ॥
कोकिला बायस एक सम, पंडित मूरख एक।
इन्द्रायन दाड़िम विषय, जहाँ न नेकु विवेकु ॥
बसिए ऐसे देस नहिं, कनक वृष्टि जो होय।
रहिए तो दुख पाइये, प्रान दीजिए रोय ॥
……… … …
पांचवां दृश्य
(अरण्य)
(गोवर्धन दास गाते हुए आते हैं)
(राग काफी)
अंधेर नगरी अनबूझ राजा। टका सेर भाजी टका सेर खाजा॥
नीच ऊँच सब एकहि ऐसे। जैसे भड़ुए पंडित तैसे॥
कुल मरजाद न मान बड़ाई। सबैं एक से लोग लुगाई॥
जात पाँत पूछै नहिं कोई। हरि को भजे सो हरि को होई॥
वेश्या जोरू एक समाना। बकरी गऊ एक करि जाना॥
सांचे मारे मारे डाल। छली दुष्ट सिर चढ़ि चढ़ि बोलैं॥
प्रगट सभ्य अन्तर छलहारी। सोइ राजसभा बलभारी ॥
सांच कहैं ते पनही खावैं। झूठे बहुविधि पदवी पावै ॥
छलियन के एका के आगे। लाख कहौ एकहु नहिं लागे ॥
भीतर होइ मलिन की कारो। चहिये बाहर रंग चटकारो ॥
धर्म अधर्म एक दरसाई। राजा करै सो न्याव सदाई ॥
भीतर स्वाहा बाहर सादे। राज करहिं अमले अरु प्यादे ॥
अंधाधुंध मच्यौ सब देसा। मानहुँ राजा रहत बिदेसा ॥
गो द्विज श्रुति आदर नहिं होई। मानहुँ नृपति बिधर्मी कोई ॥
ऊँच नीच सब एकहि सारा। मानहुँ ब्रह्म ज्ञान बिस्तारा ॥
अंधेर नगरी अनबूझ राजा। टका सेर भाजी टका सेर खाजा ॥
… .. …. ….
133. “ओ महान मार्क्स के दर्शन की दर्शिका
सुदर्शने, प्रियदर्शिनी,
तुम स्वयं द्वन्द्वयुक्त भौतिकवाद की
सिनथिसिस हो!”
‘मैला आँचल’ उपन्यास का यह कविताश किसने किसके बारे में लिखा ? चरित्रों के सही युग्म का चयन कीजिए।
(1) सैनिक जी मंगला देवी
(2) बासुदेव जी ममता
(3) चिनगारी जी लछमी
(4), चलित्तर कर्मकार – कमली
UGCNET-EXAM-SECOND-PAPER-HINDI- परीक्षा तिथि -18/06/2024
उत्तर – (3) चिनगारी जी लछमी
(page no 115 Maila Anchal)
… … …
तो नाम के महन्थ हैं, मठ की असल मालकिन तो लछमी है।… पन्द्रह सेर दूध को जलाकर खोआ बना है, मालपूआ की सोंधी सुगन्ध हवा में फैल रही है। लछमी पूछती है, “काली बाबू! नेताजी डोलडाल से आकर स्नान नहीं करेंगे ?” सैनिक जी के साथ में ‘लाल पताका’ साप्ताहिक पत्र के सम्पादक श्री चिनगारी जी भी आए हैं। दुबले-पतले हैं, दिन-भर खाँसते रहते हैं; आँख पर बिना फ्रेमवाला चश्मा लगाते हैं। दिन-भर सिगरेट पीते रहते हैं, शायद इसीलिए चिनगारी जी नाम पड़ा है। डाक्टर ने अंडा खाने के लिए कहा है। बिना अंडा खाए इतना गरम अखबार कोई कैसे निकाल सकता है ?… लेकिन मठ पर अंडे का प्रबन्ध कैसे हो सकता है ?
लछमी के अतिथि सत्कार को भूलना असम्भव है। चिनगारी जी रात में सोते समय सैनिक जी से कहते हैं, “मैं लछमी जी पर एक मुक्तछन्द लिखना चाहता हूँ… “…ओ महान् सतगुरु की सेविका गायिका पवित्र धर्मग्रन्थ की। ओ महान् मार्क्स के दर्शन की दर्शिका, सुदर्शने, प्रियदर्शिनी, तुम स्वयं द्वन्द्वयुक्त भौतिकवाद की सिनथिसिस हो !”
मैला आँचल 115
Click here to read original source on Google Books
134. ‘आधे अधूरे’ नाटक में ‘वर्णा’ नामक युवती का उल्लेख कौन करता है?
(1), महेन्द्रनाथ
(2) सावित्री
(3) बिन्नी
(4) किन्नी
UGCNET-EXAM-SECOND-PAPER-HINDI- परीक्षा तिथि -18/06/2024
उत्तर – (3) बिन्नी
पात्र परिचय: ‘आधे अधूरे’ नाटक
सावित्री: नाटक की नायिका, महेन्द्रनाथ की पत्नी उम्र 40 वर्ष
पुरुष- 1 महेन्द्रनाथ (सावित्री का पति उम्र 49 वर्ष)
पुरुष- 2 सिंघानिया (सावित्री का बौस, चीफ़ कमिश्नर)
पुरुष- 3 जगमोहन
पुरुष- 4 जुनेजा
बिन्नी: सावित्री की बड़ी बेटी उम्र 20 वर्ष
अशोक: सावित्री और महेन्द्रनाथ का बेटा
किन्नी: सावित्री की छोटी बेटीउम्र 12,13 वर्ष
मनोज: बिन्नी का पति (मात्र संबादों में उल्लेखनीय)
FOR more information click here
135. महादेवी वर्मा के निम्नलिखित में से किस निबंध संकलन का केन्द्रीय विषय स्त्री-मुक्ति है?
(1) भारतीय संस्कृति के स्वर
(2). श्रृंखला की कड़ियाँ
(3) क्षण दा
(4) साहित्यकार की आस्था तथा अन्य निबंध
UGCNET-EXAM-SECOND-PAPER-HINDI- परीक्षा तिथि -18/06/2024
उत्तर – (2). श्रृंखला की कड़ियाँ (1942)
- MPPSC सहायक प्राध्यापक परीक्षा-2022 II प्रश्नपत्र व्याख्या सहित हल
- MPPSC- State Engineering Service 2022 – MPPSC
- MPPSC-UNANI MEDICAL-2021- GS-PAPER
- MPPSC- State Engineering Service 2020- GS-PAPER
- MPPSC- State Engineering Service 2021- GS-PAPER