अर्थाभावग्रस्त विद्वानों/साहित्यकारों/ कलाकारों और उनके आश्रितों को वित्तीय सहायता योजना 2023

मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग मंत्रालय, भोपाल : अधिसूचना :- भोपाल, दिनांक : 22/06/2023 क्रमांक एफ 2/1/18/0008/2023/तीस :: मध्यप्रदेश शासन एतद् द्वारा, इस विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ-4-70/संवि/30/93 दिनांक 18 जून 2005 को अतिष्ठित करते हुये, अर्थाभावग्रस्त साहित्यकारों /कलाकारों और उनके आश्रितों को वित्तीय सहायता देने के लिये निम्नलिखित नियम बनाता है, अर्थात ; नियम 1. शीर्षक एवं उद्देश्य :- (क) यह योजना “अर्थाभावग्रस्त विद्वानों/साहित्यकारों/कलाकारों और उनके आश्रितों को वित्तीय सहायता योजना, 2023” कहलायेगी। (ख) इस योजना का उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों, जिन्होंने कला और साहित्य के विकास में योगदान दिया है, किन्तु अर्थाभावग्रस्त है, और ऐसे लेखकों तथा कलाकारों के आश्रितों को, जो कि अपने परिवारों को असहाय छोड़ गये हैं, वित्तीय सहायता उपलब्ध कराया जाना होगा।

2. पात्रता :

(एक) निम्नलिखित व्यक्ति वित्तीय सहायता के पात्र होगें :- (क) 60 वर्ष से अधिक आयु का ऐसा व्यक्ति, जिसका विद्या, कला तथा साहित्य के प्रति योगदान महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय हो। (ख) परम्परागत विद्वान, जिन्होंने अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो, भले ही उनका कोई ग्रन्थ प्रकाशित न हुआ हो। (ग) आश्रित (अपने क्षेत्र में प्रतिष्ठित दिवंगत लेखक या कलाकार की विधवा / विधुर और नाबालिग बच्चे) (घ) विशेष परिस्थितियों में दिवंगत लेखक /कलाकार के पूर्णतः आश्रित वृद्ध पिता, माता, नाबालिग भाई और बहन एवं दिव्यांग नाई-बहन, जो दिवंगत लेखक /कलाकार परपूर्णतः आश्रित हो और उनकी आय का कोई स्त्रोत न हो। ऐसे प्रकरणों में न्यूनतम आयु सीमा की बाध्यता नहीं होगी। (दो) ऐसे आवेदक और उनके आश्रित उसी स्थिति में वित्तीय सहायता के पात्र होंगे, जबकि उनकी मासिक आय निम्नलिखित से अधिक न हो :- क्र.1 परिवार मासिक / वार्षिक आय मासिक आय सीमा रु. 7000/-गासिक अथवा 84000/- वार्षिक

3. सहायता का स्वरूप :-

नियम 2(दो) में उल्लेखित आवेदक तथा उसके परिवार के सदस्यों की मासिक आय सीमा के आधार पर पात्र आवेदकों को निग्नानुसार गाशिक सहायता प्रदान की जावेगी :- क्र. 1 मासिक सहायता राशि आदेदक / सदस्य मासिक सहायता राशि रु.5000/- (रू. पांच हजार मात्र) मासिक सहायता प्राप्त साहित्यकार /कलाकार की मृत्यु की स्थिति में। साहित्यकार / कलाकार की मृत्यु हो जाने पर उसके पति/पत्नी को (जो भी स्थिति हो) मासिक वित्तीय सहायता राशि रू. 3500/- (रू. तीन हजार पाँच सौ मात्र) 4. आवेदक की आयुसीमा एवं सहायता की अवधि:- (क) आवेदक की आयु 60 वर्ष से अधिक एवं 65 वर्ष से कम होने पर, प्रथमतः मासिक सहायता राशि 3 वर्ष या कार्यकारी समिति द्वारा निश्चित अवधि के लिए स्वीकृत की जावेगी । तत्पश्चात आगामी 3 वर्षों के लिए सहायता राशि का नियमानुसार नवीनीकरण किया जा सकेगा। (ख) 70 वर्ष या उससे अधिक आयु और ऐसे स्थायी रूप से दिव्यांग जो आजीविका का साधन जुटाने में असमर्थ हैं, आवेदकों के संबंध में यह सहायता आजीवन होगी। (ग) अनुदान पाने वाले की आर्थिक स्थिति का सत्यापन संबंधित जिला कलेक्टर द्वारासंलग्न प्रपत्र परिशिष्ट-‘तीन’ में, आवेदक सेप्राप्त शपथ-पत्र के आधार पर प्रतिवर्ष किया जावेगा। (घ) स्वीकृत सहायता अवधि के दौरान, योजना के नियमों में निर्धारित अधिकतम आय सीमा के अनुसार यदि आवेदक की आय कीस्थिति में कोई परिवर्तन होता है, तो उसकी जानकारी कलेक्टर द्वारा तत्काल संचालक, संस्कृति संचालनालय को उपलब्ध करायी जावेगी। उपरोक्तानुसारयदि आवेदक / हितग्राही की स्वीकृति के समयकीआय तथा आश्रितों की स्थिति में किसी परिवर्तन की जानकारी प्राप्त होती है, तो प्रकरण पुनर्विचार के लिये कार्यकारी समिति के समक्ष रखा जाएगा।

5. वितरण प्राधिकारी :-

इस योजना के अन्तर्गत कार्यकारी समिति द्वारा मंजूर वित्तीय सहायता की राशि का वितरणहितग्राहियों को संबंधित जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत कार्यालय द्वारा किया जायेगा। स्वीकृति प्राधिकारी :- योजनान्तर्गत सहायता राशि स्वीकृति हेतु संचालक, संस्कृति संचालनालय स्वीकृति प्राधिकारी होंगे। जिलेवार सहायता प्रकरणों के अनुसार, स्वीकृति प्राधिकारी द्वारा बजट आवंटन संबंधित जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत कार्यालय को सहायता राशि वितरण हेतु उपलब्ध कराया जावेगा। 7. सहायता का नवीनीकरण :- यदि सहायता पाने वाला व्यक्ति:- (क) अपने जिले के कलेक्टर के मार्फत वित्तीय सहायता के नवीकरण के लिए संलग्न निर्धारित प्रपत्र परिशिष्ट ‘दो’ में आवेदन पत्र प्रस्तुत करे और संबंधित कलेक्टर उसकी सिफारिश करे, अथवा (ख) अपनी तथा अपने आश्रितों की आय के संबंध में विधिवत शपथ पत्र निर्धारित प्रपत्र (परिशिष्ट तीन) प्रस्तुत करे ; तो सहायता ऐसी अवधि तक जारी रखी जा सकेगी जो शासन द्वारा निश्चित की जाए। 8. सहायता बंद किया जाना यदि सहायता पाने वाले के आय साधन सुधर जायें और उन्हें नियम 2 (दो) में उपबंधित आय से अधिक आमदनी होने लगे या कार्यकारी समिति का अन्यथा समाधान हो जाए तो इस योजना के अंतर्गत सहायता देना किसी भी समय बंद किया जा सकेगा। 9. मृत्यु हो जाने पर उसके आश्रितों को सहायता सहायता पाने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर नियम 2(घ) अनुसार उसके आश्रितों को मंजूर अवधि की असमाप्त अवधि तक सहायता पाने की अनुमति दी जा सकेगी, इसके बाद सहायता प्राप्त करने के लिए आश्रित को नियम 9 में निर्धारित तरीके से आवेदन करना होगा। 10. सहायता पाने के लिये आवेदन करने की प्रक्रिया :- वित्तीय सहायता के लिए आवेदन पत्र संस्कृति संचालक म.प्र. भोपाल को निर्धारित प्रपन्न परिशिष्ट ‘एक’ में उस जिले के कलेक्टर के मार्फत एवं कलेक्टर की अनुशंसा (परिशिष्ट ‘एक’ का संलग्नक ‘क’) सहित, जिसमें आवेदक निवास करता हो, भेजे जा सकेंगे। साहित्यकारों/कलाकारों / आश्रितों से प्राप्त आवेदन पत्रों पर विचार करने के लिए प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में साहित्य, कला एवं संस्कृति के प्रतिष्ठित विद्वानों की रामिति गठित की जाएगी, जिसमें एक हिन्दी का साहित्यकार एवं अन्य किसी साहित्य यथाः संस्कृत, उर्दू, सिंधी, पंजाबी अथवा देश के अन्य किसी भी भाषा का कोई एक साहित्यकार, एक संगीतज्ञ, जिला जनसंपर्क अधिकारी तथा कलेक्टर द्वारा मनोनीत एक सदस्य होंगे। ऐसी समिति कलेक्टर द्वारा प्रत्येक तीन वर्ष बाद पुनर्गठित की जायेगी। उक्तजिला स्तरीय समिति द्वारा, जिले से प्राप्त आवेदनों पर विचार किया जाएगा और अपने-अपने संबंधित क्षेत्र में आवेदक की सेवा, वित्तीय स्थिति एवं उनकी आयु को देखते हुए वित्तीय सहायता स्वीकृत करने की सिफारिश की जाएगी। संबंधित कलेक्टर सिफारिश करने के पूर्व सुनिश्चित करेंगे कि प्रत्येक आवेदन पत्र में दी गई जानकारी पूर्ण एवं स्पष्ट हो और आवेदक की कृतियों की प्रतियाँ (यदि उपलब्ध हो) संलग्न करते हुए आवेदक को वित्तीय सहायता देने के संबंध में अपना स्पष्ट अभिमत देंगे। अनुशंसित आवेदन के संबंध में लिये गये निर्णय हेतु जिला स्तरीय समिति की बैठक के कार्यवाही विवरण की प्रति आवेदन के साथ संलग्न की जावेगी। यदि कोई साहित्यकार/कलाकार / आश्रित स्वयं आवेदन नहीं करता और उसकी जानकारी एक प्रतिष्ठित कला/साहित्य संस्था या साहित्यकार / कलाकार के माध्यम से शासन या संचालक, संस्कृति को मिलती है, तो ऐसे मामलों में नियमों के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार, वह जाँच करने के बाद प्रकरण पर निर्णय लेने के लिये कार्यकारी समिति को भेज सकेंगे।

विस्तृत विवरण पीडीएफ में देखें।