सम्प्रेषण के प्रकार और संजाल /Types and networks of communication

(Acknowledgement : Based On ignou university study material on the topic)

हम सम्प्रेषण के विभिन्न तरीकों अथवा प्रकारों की विवेचना करेंगे जो हम दूसरों के साथ सम्प्रेषण के लिए प्रयुक्त करते हैं। इसके पश्चात् हम विभिन्न प्रकार के सम्प्रेषण संजाल के बारे में चर्चा करेंगे।

 सम्प्रेषण के प्रकार

सामान्यतया, सम्प्रेषण के दो प्रकार होते है ( चित्र  ) चलिए एक-एक कर उनकी चर्चा करें:

वाचिक सम्प्रेषण

वे सभी प्रकार के सम्प्रेषण जिसमें शब्दों का उपयोग होता है, उन्हें वाचिक सम्प्रेषण कहा जाता है । शब्दों का उपयोग बोलचाल अथवा लिखने के दौरान किया जाता है और इसीलिए बोलचाल अथवा लेखन के माध्यम से भेजे गए संदेशों को वाचिक सम्प्रेषण कहा जाता है। बोलते समय तारत्व, स्वर और शब्दों की स्पष्टता की जिम्मेदारी प्रेषक की होती है जबकि लेखन, सन्देश अथवा सूचनाओं को स्वतः स्पष्ट होना चाहिए। मौखिक सम्प्रेषण भाषण के रूप में हो सकता है जबकि लिखित सम्प्रेषण ईमेल, डिजिटल संदेशों, पुस्तकों, अख़बारों, पत्रों, प्रतिवेदनों इत्यादि के रूप में हो सकता है।

अवाचिक सम्प्रेषण

कोई भी सम्प्रेषण जो बिना शब्दों की सहायता से होता है उसे अवाचिक सम्प्रेषण कहा जाता है। इस प्रकार के सम्प्रेषण में एक व्यक्ति अपने शारीरिक भाषा जैसे आनन अभिव्यक्ति (मुस्कान, भाव-भंगिया इत्यादि), मुद्रा, आँख की गतियों और हाथ की गतियों के माध्यम से दूसरों से सम्प्रेषण करता है। यातायात के संकेत और चिन्ह बोर्ड जिसे आप दिशाओं के प्रतीक के रूप में देखते हैं उसमें भी तीर के निशान और चिन्ह बोर्ड अवाचिक सम्प्रेषण कहे जाते हैं ।

सम्प्रेषण के संजाल

सम्प्रेषण संजाल का अभिप्राय संगठन के संपर्क के प्रतिमान और सदस्यों के मध्य सूचनाओं के प्रवाह से होता है । संजाल के ये प्रतिमान सूचनाओं के सहज प्रवाह में मदद करते हैं। संजाल संगठन के आकार, सम्प्रेषण माध्यमों की उपलब्धता और इस प्रक्रिया में सम्मिलित व्यक्तियों की संख्या पर निर्भर करता है । सम्प्रेषण संजाल के विभिन्न प्रकार इस तरह हो सकते हैं:

अधोमुखी / टॉप-डाउन सम्प्रेषण

सूचना अथवा सम्प्रेषण जो संगठन के उच्च स्तर ( कर्मचारियों के अनुक्रम या प्रस्थिति के अनुसार) से निम्न स्तर की तरफ होता है उसे अधोमुखी सम्प्रेषण कहते हैं। इस प्रकार, कोई भी सूचना जो वरिष्ठ से अधीनस्थ की तरफ एक आदेश की श्रृंखला के रूप द्वारा प्रवाहित होती है उसे अधोमुखी सम्प्रेषण कहते हैं । सम्प्रेषण के इस प्रतिमान की सहायता से पर्यवेक्षक / प्रबंधक कार्य से सम्बंधित सूचनाओं को निम्न श्रेणी के कर्मचारियों को प्रसारित करते हैं। वे निम्न श्रेणी के कर्मचारियों को पुनर्निवेश, कार्य भूमिका का विवरण और अन्य सम्बंधित पक्षों की जानकारी भी इसके माध्यम से देते हैं ।

उर्ध्वगामी / बॉटम-अप सम्प्रेषण

उर्ध्वगामी सम्प्रेषण का अभिप्राय संगठन में सूचना के निम्न स्तर से उच्च स्तर के कर्मचारियों की ओर प्रवाहित होने से है । यह अधीनस्थों से प्रबंधकों अथवा पर्यवेक्षकों को पुनर्निवेशन देने में सहायता करता है कि किस प्रकार आवश्यक कार्य किया जा रहा है। अधीनस्थ उर्ध्वगामी सम्प्रेषण का उपयोग अपने उच्च अधिकारियों को अपनी समस्याओं एवं निष्पादन के बारे में सूचित करने के लिए भी करते हैं । अधीनस्थों द्वारा इस प्रतिमान का उपयोग अपनी अनुभूतियों और विचारों को साझा करने किये भी किया जाता है। इस प्रकार के सम्प्रेषण को बढ़ावा देने के लिए संगठन परिवाद निवारण प्रणाली, शिकायत, सुझाव पेटिका, कार्य संतुष्टि सर्वे इत्यादि की व्यवस्था करता है ।

पार्श्विक / क्षैतिज सम्प्रेषण

सम्प्रेषण का प्रतिमान जो किसी संगठन में अनुक्रम में सामान स्तर पर घटित होता है उसे पार्श्विक सम्प्रेषण कहते हैं जैसे दो मित्रों, सामान स्तर के दो प्रबंधकों अथवा क्षैतिज रूप से समतुल्य संगठन के सदस्यों के बीच सम्प्रेषण | सम्प्रेषण का यह प्रतिमान कार्य में समन्वय, समस्या समाधान, टीम निर्माण, सूचनाओं का साझा करने और मित्रों और सहकर्मियों में संघर्षों को सुलझाने में सहायक होता है ।

विकर्ण सम्प्रेषण

इस प्रतिमान में सम्प्रेषण एक प्रबंधक और अन्य कार्यसमूह के कर्मचारियों के बीच घटित होता है। इस प्रकार की अन्तःक्रिया प्रशिक्षण अनुखंड में घटित हो सकता है जब एक प्रशिक्षण प्रबंधक सभी कार्यसमूहों से उनके द्वारा किये जा रहे करने के तरीकों जिससे वे अपने कार्य का निष्पादन करते हैं, के लिए अंतः क्रिया करता है ।

चक्र श्रृंखला

इस प्रतिमान में ऊपर के नेताओं को अपने सभी कर्मचारियों से अंतः क्रिया करने की प्रत्यक्ष सुलभता रहती है । सम्प्रेषण का यह प्रतिमान समय कि बचत करता है और प्रत्यक्ष पुनर्निवेशन प्राप्त करने में सहायक होता है। लेकिन सम्प्रेषण के इस प्रकार के प्रतिमान में कर्मचारी एक दूसरे के साथ प्रत्यक्ष अंतः क्रिया नहीं कर सकते हैं।

ग्रेपवाइन सम्प्रेषण

ग्रेपवाइन सम्प्रेषण एक प्रकार का सम्प्रेषण है जो यादृक्षित रूप से घटित होता है अर्थात यह संगठन में एक संस्तुत संरचना का अनुपालन नहीं करता है। यह एक प्रकार का अनौपचारिक सम्प्रेषण होता है। इस प्रकार ग्रेपवाइन सम्प्रेषण को संगठन के एक अनौपचारिक और अनाधिकारिक सम्प्रेषण तंत्र के रूप में व्याख्यायित किया जा सकता है।

संगठन से जुड़े मुद्दों के सन्दर्भ में इस प्रकार के अन्तः क्रिया भोजन अथवा चाय अवकाश के दौरान अनाधिकारिक रूप से घटित हो सकती है। यह अनौपचारिक रूपसे टीम निर्माण और अंतर्वैयक्तिक संबंधों को उन्नत करने में सहायक होता है। सूचना के विनिमय की सहायता से कर्मचारी अपने सहकर्मियों के साथ समान मंच प्राप्त करने में समर्थ हो पाते हैं। इस प्रकार ग्रेपवाइन सम्प्रेषण को एक अनाधिकारिक और द्रुतगामी वार्तालाप कहा जा सकता है जो प्रायः समान श्रेणी अथवा प्रस्थिति के सदस्यों के मध्य घटित होता है । अब चलिए उन विभिन्न प्रकारों अथवा तरीकों के बारे में चर्चा करें जिनमें ग्रेपवाइन सम्प्रेषण घटित होता है।

ग्रेपवाइन सम्प्रेषण के प्रकार

एकल गुण श्रृंखला जैसाकि आपको पहले भी बताया गया है कि ग्रेपवाइन सम्प्रेषण प्रायः दो समान स्तर के कर्मचारियों के बीच घटित होता है, एकल गुण श्रृंखला में सन्देश तब तक एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक भेजा जाता है जब तक कि सूचना सभी सम्बंधित लोगों तक नहीं पहुँच जाती । यह सहकर्मियों के बीच प्रयुक्त एक साधारण और सरल सम्प्रेषण का तरीका है। यह सूचनाओं के शीघ्र और कुशलतापूर्वक साझा करने का एक आदर्श सम्प्रेषण का तरीका है।

है। यह टीम के सदस्यों की आवश्यकताओं और समस्याओं को पहचानने में भी सहायक होता है। यह एक सम्प्रेषण है जो जटिल औपचारिक माध्यम से बचाव करता है। यद्यपि कभी-कभी एक कर्मचारी वह संवेदनशील सूचना भी साझा कर सकता है जो उससे अपेक्षा नहीं होती है।