राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM-National Quantum Mission)

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) के लिए पूर्व-प्रस्ताव कॉल पर विचार-मंथन सत्र शोधकर्ताओं को क्वांटम अनुसंधान में समन्वयन करने के लिए एक साथ लेकर आया

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय

प्रविष्टि तिथि: 20 FEB 2024 7:01PM by PIB Delhi

Credit Press Information Bureau

थीमैटिक हब – टी-हब

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) के अंतर्गत विषयात्मक केंद्र (थीमैटिक हब – टी-हब) की स्थापना के लिए पूर्व-प्रस्तावों के आह्वान पर आहूत विचार-मंथन सत्र  पूरे भारत से ऐसे क्वांटम विज्ञान शोधकर्ताओं और क्वांटम प्रौद्योगिकीविदों को एक  मंच पर ले कर लाया, जो भारत के इस ऐतिहासिक राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भाग लेने के इच्छुक थे।

क्वांटम विज्ञान और क्वांटम प्रौद्योगिकी

”भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय सूद ने इस अवसर पर कहा कि   “हमने इस मिशन को एक लक्ष्य के साथ प्रारम्भ किया है कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, वैसे-वैसे हम क्वांटम विज्ञान के साथ-साथ क्वांटम प्रौद्योगिकियों में बहुत ही निश्चित योगदान देंगे। क्वांटम विज्ञान और क्वांटम प्रौद्योगिकियों को अलग नहीं किया जा सकता। उन्हें साथ-साथ चलना होगा और बहुत अधिक तालमेल की आवश्यकता होगी। यही कारण है कि हब की अवधारणा बनाई गई है। प्रत्येक हब के अंतर्गत, हमारे पास तकनीकी समूह होंगे जिनका गठन एक से अधिक संस्थानों की भागीदारी से किया जाएगा” ।

विचार-मंथन सत्र में भाग लेने के लिए शोधकर्ताओं और प्रौद्योगिकीविदों के भारी उत्साह पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर ने कहा, “यह भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। हम इस मिशन में महत्वपूर्ण निवेश कर रहे हैं। एक उच्च शक्ति प्राप्त मिशन प्रशासक बोर्ड इस पूरे मिशन को एक व्यापक दिशा प्रदान करेगा और एक मिशन प्रौद्योगिकी अनुसंधान परिषद इस मिशन के निष्पादन पहलुओं को देखेगी। हमने इस मिशन के अंतर्गत  कंप्यूटिंग, संचार, सवेदन एवं सामूहिक  प्रारूप में उपकरणों के क्षेत्र में टी-हब स्थापित करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं।

उन्होंने कहा कि “यह विचार-मंथन बैठक शोधकर्ताओं के बीच जागरूकता लाने और विभिन्न तकनीकी समूहों के बीच समन्वयन को बढ़ावा देने में सहायक बनेगी । मुझे आशा है कि यह व्यक्तिगत बैठक आप सभी के लिए एक नेटवर्किंग कार्यक्रम भी होगी जहां आप अन्य संस्थानों के अन्य शोधकर्ताओं के साथ बातचीत कर सकने के अलावा  एक ऐसी सहयोगी साझेदारी बना सकते हैं जो उन प्रस्तावों को प्रस्तुत करने के लिए उपयोगी होगी जिनकी हम प्रत्याशा कर रहे हैं ” ।

प्रोफेसर करंदीकर ने आगे कहा कि “मुझे आशा है कि हम इस क्षेत्र में ऐसी अनुसंधान गतिविधियाँ शुरू करने में सक्षम होंगे जो न केवल राष्ट्रीय प्रभाव डालेगी बल्कि उनका वैश्विक प्रभाव भी होगा। एनक्यूएम की शुरुआत इसलिए की गई थी ताकि भारतीय शोधकर्ता क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकी में विश्व स्तर पर नेतृत्वकारी भूमिका निभा सकें ” ।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अखिलेश गुप्ता ने कहा कि मिशन के त्वरित परिणाम सुनिश्चित करने के लिए उद्योग के साथ कंसोर्टिया मोड में काम करने की अवधारणा अपने आप में एक अनूठा प्रयोग है।

उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने विषयात्मक केंद्र (टी-हब) स्थापित करने के लिए पूर्व-प्रस्तावों के आह्वान के संबंध में अपने प्रश्नों के समाधान के लिए देश भर के संस्थानों के 400 व्यक्तिगत और 150 से अधिक ऑनलाइन प्रतिभागियों के साथ बातचीत की।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) पूर्व-प्रस्ताव प्रस्तुत करने की सफलता और शोधकर्ताओं की सुविधा के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करेगा।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी)  द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा यह राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम)  अनुसंधान को उपयोग के योग्य प्रौद्योगिकियों में प्रयुक्त करने के लिए उद्योग और स्टार्ट-अप्स के साथ मिलकर काम करेगा, ताकि भारत क्वांटम विज्ञान और प्रौद्योगिकियों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी स्थिति में विकसित हो सके।

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