एक जिला एक उत्‍पाद और जीआई टैग (One District One Product AND GI Tag)

APEDA (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority )नए गंतव्यों पर एक जिला एक उत्‍पाद और जीआई टैग उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देता है; वित्‍त वर्ष 23-24 में 27 से अधिक खेप रवाना की गई 


प्रत्यक्ष निर्यात पर ध्यान देने के साथ, एपीडा ने पांच साल की अवधि में 119 एफपीओ/एफपीसी को निर्यातकों में बदल दिया

एपीडा ने ताजा उपज के निर्यात को बढ़ावा देने, रसद लागत को कम करने के लिए समुद्री प्रोटोकॉल विकसित किया

प्रविष्टि तिथि: 20 FEB 2024 2:52PM by PIB Delhi

कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने अधिक से अधिक अनुसूचित उत्पादों को नए गंतव्यों में निर्यात करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस संबंध में एक जिला एक उत्‍पाद और जीआई टैग के उत्पादों के निर्यातों पर बल दिया जा रहा है। गैर-पारंपरिक क्षेत्रों और राज्यों से प्राप्त उत्‍पादों करने पर विशेष बल दिया जा रहा है। वर्तमान में एपीडा के अनुसूचित उत्पाद दुनिया भर के 203 से अधिक देशों/क्षेत्रों में निर्यात किए जा रहे हैं। इसे और बढ़ावा देने के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 27 से अधिक खेप रवाना की गईं। निर्यात शिपमेंट में निम्‍नलिखित कुछ नए उत्‍पादों को शामिल किया गया :

उत्पादमूल स्‍थाननिर्यात गंतव्य
अमरूदबारामती, महाराष्ट्रसंयुक्त अरब अमीरात
केलेबारामती, महाराष्ट्रनीदरलैंड, सऊदी अरब, रूस
आलूपूर्वांचलसंयुक्त अरब अमीरात
खासी मंदारिन ऑरेंजमेघालयदुबई
आलुकीपाकुड़, झारखंडसिंगापुर
असम फ्लैट बीन्स और नींबूअसमलंदन
सिंघाड़ावाराणसीसंयुक्त अरब अमीरात
गेंदे का फूलवाराणसीशारजाह
काजूओडिशाबांग्लादेश, कतर, मलेशिया, अमेरिका
ताज़ी सब्जियांउत्तराखंडबहरीन
पोंगल हैम्‍परनीलाकोट्टई, तमिलनाडुआबू धाबी
नींबू, आम और मिश्रित अचारकर्नाटकसंयुक्त अरब अमीरात
मोटा अनाजपंजाबऑस्ट्रेलिया

एपीडा खाद्य उत्‍पाद ऑर्डर (एफपीओ) के लिए क्षमता निर्माण पहल में भी सक्रिय रूप से शामिल है क्योंकि उन्हें कृषि उपज के आवश्यक एग्रीगेटर्स के रूप में पहचाना जा रहा है। एपीडा  आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित करने और किसानों के लिए कुशल बाजार पहुंच सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। प्रत्यक्ष निर्यात को सक्षम करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, एपीडा ने पांच वर्षों की अवधि में 119 एफपीओ/एफपीसी को निर्यातकों में बदल दिया है। अनुरूप समर्थन और मार्गदर्शन से इन एफपीओ ने वैश्विक बाजारों में अपनी क्षमता का विस्‍तार किया है, इससे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारतीय कृषि उत्पादों की संख्‍या में वृद्धि हुई है।

केंद्रीय उपोष्णकटिबंधीय बागवानी संस्थान (सीआईएसएच) के सहयोग से कृषि-निर्यात संवर्धन निकायों ने लंबी दूरी के बाजारों में ताजा उपज के निर्यात के लिए समुद्री प्रोटोकॉल विकसित करने के लिए एक सक्रिय पहल शुरू की है। इस रणनीतिक प्रयास का उद्देश्य ताजे फलों के निर्यात को बढ़ावा देने, कुशल परिवहन की सुविधा प्रदान करने और रसद लागत को कम करने के लिए निर्यात प्रक्रिया को अनुकूलित करना है। इस पहल के भाग के रूप में अमेरिका और यूरोपीय संघ को आम तथा अनार के परीक्षण शिपमेंट की योजना बनाई जा रही है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल हुई है। नवम्‍बर में नीदरलैंड और जनवरी में रूस को केले की खेप समुद्र के रास्‍ते सफलतापूर्वक भेजी गई। समुद्री प्रोटोकॉल लागू करने से केले, आम, अनार और अन्य ताजे फलों तथा सब्जियों जैसी वस्तुओं के निर्यात में भारी वृद्धि संभव होगी, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत के उत्‍पादों की उपस्थिति में और अधिक वृद्धि होगी।

एमजी/एआर/आरपी/वीएलके/वाईबी

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